वर्तमान में देश भर में 437 चीनी मिलें सक्रिय हैं, जो लगभग 78 लाख टन चीनी उत्पादन कर रही हैं। जबकि पेराई सत्र 2018-19 के दौरान 507 चीनी मिलें 1.12 करोड़ टन चीनी का उत्पादन कर रही थी। इस प्रकार चीनी उत्पादन में लगभग 34 लाख टन की कमी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ के बाद गन्ना उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में जलभराव के कारण पेराई शुरू होने में काफी देर हो गई थी। ज्ञात रहे महाराष्ट्र में 137 मिलों ने 16.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले साल 187 इकाईयों ने 44.50 लाख टन चीनी उत्पादन किया था। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि अगर वैश्विक चीनी बाजार के हालात अनुकूल रहते हैं, तो इस सत्र में भारतीय चीनी निर्यात 50 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय चीनी का निर्यात मुख्य रूप से ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी आदि देशों में होता है।