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चीनी मिलों ने किए 25 लाख टन के निर्यात सौदे

locationजयपुरPublished: Jan 08, 2020 06:26:31 pm

Submitted by:

Jagmohan Sharma

घरेलू उत्पादन 30 फीसदी गिरकर 78 लाख टन पर आया

jaipur

चीनी मिलों ने किए 25 लाख टन के निर्यात सौदे

जयपुर. इस साल मार्च के बाद चीनी महंगी होने के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। चूंकि मौजूदा पेराई सत्र 2019-20 के दौरान 31 दिसंबर 2019 तक घरेलू चीनी उत्पादन 30 फीसदी नीचे आकर 78 लाख टन रह गया है। उत्पादन कम होने के बावजूद चीनी मिलें अब तक 25 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे कर चुकी हैं। ध्यान रहे पिछले साल इसी अवधि में 1.12 करोड़ टन चीनी उत्पादन हुआ था। शुगर एंड खांडसारी ट्रेड एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के महामंत्री श्रीबल्लभ काबरा ने बताया कि हालांकि सरकार महंगाई रोकने के लिए चीनी का कोटा ज्यादा से ज्यादा छोड़ रही है। मगर उत्पादन घटने तथा निर्यात होने से चीनी की कीमतें मार्च के बाद चार से पांच रुपए प्रति किलो तक बढ़ सकती हैं। ऐसा अनुमान व्यापारिक क्षेत्रों में व्यक्त किया जा रहा है। वर्तमान में स्थानीय सूरजपोल मंडी में थोक चीनी के भाव 3400 से 3500 रुपए प्रति क्विंटल खर्चा अलग बोले जा रहे हैं। खुदरा में चीनी 37 से 40 रुपए प्रति किलो तक बेची जा रही है।
वर्तमान में देश भर में 437 चीनी मिलें सक्रिय हैं, जो लगभग 78 लाख टन चीनी उत्पादन कर रही हैं। जबकि पेराई सत्र 2018-19 के दौरान 507 चीनी मिलें 1.12 करोड़ टन चीनी का उत्पादन कर रही थी। इस प्रकार चीनी उत्पादन में लगभग 34 लाख टन की कमी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ के बाद गन्ना उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में जलभराव के कारण पेराई शुरू होने में काफी देर हो गई थी। ज्ञात रहे महाराष्ट्र में 137 मिलों ने 16.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले साल 187 इकाईयों ने 44.50 लाख टन चीनी उत्पादन किया था। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि अगर वैश्विक चीनी बाजार के हालात अनुकूल रहते हैं, तो इस सत्र में भारतीय चीनी निर्यात 50 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय चीनी का निर्यात मुख्य रूप से ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी आदि देशों में होता है।
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