जयपुर

खाद्य तेलों में पॉम ऑइल की मिलावट की बाध्यता को हटाने के संबंध में मिले सुझाव

किसान संगठनों और कृषक उत्पाद संघ के प्रतिनिधियों की बैठक
 

जयपुरFeb 26, 2021 / 01:09 am

Rakhi Hajela

खाद्य तेलों में पॉम ऑइल की मिलावट की बाध्यता को हटाने के संबंध में मिले सुझाव


कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के चैयरमेन डॉ. विजय पाल शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को देश के 15 से अधिक किसान संगठन और कृषक उत्पाद संघ के प्रतिनिधियों की बैठक ऑनलाइन आयोजित हुई । जिसमें किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने दलहन और तिलहन की उपजों के कुल उत्पादन में से 25 फीसदी से अधिक खरीद नहीं करने के प्रावधानों को समाप्त करने, खाद्य तेलों में पॉम ऑइल की मिलावट की बाध्यता को हटाने के संबंध में सुझाव दिए गए। जाट ने अपने सुझाव में बताया कि 2018 से प्रभाव में आई प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान योजना के अनुसार मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी जैसी दलहन और तिलहन उपजों के कुल उत्पादन में से 75 फीसदी उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की परिधि से बाहर कर दिया गया। 22 उपजों में से दलहन व तिलहन की खरीद पर ही प्रतिबंध है, जबकि अन्य किसी भी उपज पर खरीद का प्रतिबंध नहीं है, इससे फसलों का विविधकरण बिगड़ता है। सरकार ने इस योजना को अम्ब्रेला स्कीम बताया और किसानों के लिए इसे सुरक्षा कवच की संज्ञा दी गई । यह स्थिति तो तब है जबकि खाद्य तेलों पर एक वर्ष में 75,000 करोड़ तथा दालों पर 28,000 करोड़ से अधिक का व्यय किया गया। खाद्य तेलों में पॉम आयल की मिलावट की बाध्यता को समाप्त करने से तिलहनों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम रहने की संभावना कम हो जाएगी।

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