परिजनों की आरोप लगाया कि लूट की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद से ब्रह्मपुरी थाने के तीन पुलिसकर्मी कभी जयसिंहपुरा में अनिल के घर पहुंच जाते और उसे जांच के नाम पर परेशान करते थे। आरोपित पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है। अनिल ने सुसाइड नोट में लिखा ‘मैं अनिल कुमार आशवानी बहुत ज्यादा डिप्रेशन में हूं और मैं अपनी जीवनलीला यहीं समाप्त कर रहा हूं। मेरी मौत को कोई जिम्मेदार नहीं। मैं स्वयं जीवनलीला समाप्त कर रहा हूं और मैं अपने घरवालों से माफी मांगता हूं’। अब मंगलवार को ही शव का पोस्टमार्टम होगा।
पुलिस बोली कैमरे में नजर नहीं आया अनिल जांच अधिकारी सोमदत्त ने बताया कि अनिल ने 11 अप्रेल को सुबह साढ़े पांच बजे घर से दिल्ली जाने के लिए निकलना बताया। ई रिक्शा से धोबी घाट पहुंचा और वहां सड़क पार कर दिल्ली जाने वाले वाहन का इंतजार किया। तभी एक इनोवा आई। उसमें चालक सहित चार लोग बैठे थे। उसे धोला कुआ 200 रुपए में ले जाने की बात कहकर बैठा लिया। कुछ दूर चलने पर उसे बंधक बना जंगल में ले गए और टेप से उसके हाथ-पैर व मुंह बांध दिया। इसकी जांच की गई तो सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में अनिल घर से धोबी घाट आते ही नजर नहीं आ रहा।
जहां सड़क पार करना बताया, वहां भी सीसीटीवी कैमरे में नजर नहीं आया। इनोवा कार भी नजर नहीं आ रही है। जब भी फुटेज देखने अनिल को बुलाया, तब उसके परिजन भी साथ आए थे। मैं तो एक बार उसके घर पर गया था। कांस्टेबल ही फुटेज देखने के लिए उसे घर से बुलाकर लाता था। प्रकरण की जांच अभी की ही जा रही थी। अनिल पर ऐसा कोई दबाव भी नहीं बनाया था। अभी जांच ही जारी थी।