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इन कारणों के चलते 365 दिन में एक लाख 39 हजार से ज्यादा लोगों ने कर लिया सुसाइड़

locationजयपुरPublished: Sep 01, 2020 10:31:02 am

Submitted by:

JAYANT SHARMA

देश की बात की जाए तो देश में साल 2019 के दौरान एक लाख 39 हजार से भी ज्यादा लोगों ने सुसाइड़ कर लिया। वहीं तमिलनाडु में 13400 से ज्यादा और वेस्ट बंगाल में 12600 से ज्यादा लोगो ने खुदखुशी कर ली। अधिकतर लोगों के सुसाइड का कारण तनाव, घाटा, लव अफेयर रहे। देश में एक 92 हजार से भी ज्यादा शादीशुदा लोगों ने जान दे दी।


जयपुर
प्रदेश में सुसाइड़ करने वालों की संख्या बढ़ रही है। हर दिन औसतन सात से भी ज्यादा लोग मौत को गले लगा रहे हैं। साल 2019 में प्रदेश में एक साल के दौरान 4531 लोगों ने अपनी जीवन लीला समाप्त की है। इनमें पुरुषों की संख्या 3302 और महिलाओं की संख्या बारह सौ से भी ज्यादा है। सुसाइड़ के मामलों में प्रदेश का नंबर देश में तेरहवें नंबर पर आता है। एक साल में सबसे ज्यादा सुसाइड़ महाराष्ट्र राज्य में हुए हैं। वहां एक साल के दौरान 18 हजार से भी ज्यादा लोगों ने खुद की जान दे दी। पूरे देश की बात की जाए तो देश में साल 2019 के दौरान एक लाख 39 हजार से भी ज्यादा लोगों ने सुसाइड़ कर लिया। वहीं तमिलनाडु में 13400 से ज्यादा और वेस्ट बंगाल में 12600 से ज्यादा लोगो ने खुदखुशी कर ली। अधिकतर लोगों के सुसाइड का कारण तनाव, घाटा, लव अफेयर रहे।
राजस्थान में शादीशुदा लोगों ने ज्यादा की आत्महत्या
प्रदेश में साल 2019 के दौरान 4500 से भी ज्यादा केसेज सुसाइड़ के सामने आए। इनमें शादीशुदा लोगों की संख्या सबसे ज्यादा रही। एक साल के दौरान दो हजार 67 पुरुष और सात सौ चौंतीस महिलाओं ने खुद की जान ली। सुसाइड़ के कारण अलग—अलग सामने आए। वहीं अनमैरिड लोगों की बात की जाए तो एक साल के दौरान सात सौ 88 पुरुष और तीन सौ पचपन महिलाएं ऐसी थी जो अनमैरिड़ थे और मौत को गले लगा लिया। करीब चार सौ केस सुसाइड़ के इस तरह के सामने आए जिनमें पुलिस सुसाइड़ का कारण पता नहीं कर सकी। राजस्थान में परिवार के सामूहिक आत्महत्या के भी सात केस एक साल के दौरान सामने आए। इनमें मौत को गले लगाने वाले परिवार के सदस्यों की संख्या 22 थी। बड़ी बात ये रही कि राजस्थान में जिन 4500 से ज्यादा लोगों ने सुसाइड़ किया उनमें से करीब साढ़े छह सौ लोग ही बिना पढे लिखे थे। बाकि जितने भी थे सभी पढ़े लिखे थे लेकिन कई कारणों के चलते लोगों ने मौत को गले लगा लिया। वहीं पूरे देश में एक 92 हजार से भी ज्यादा शादीशुदा लोगों ने जान दे दी।
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