प्रदेश में साल 2019 के दौरान 4500 से भी ज्यादा केसेज सुसाइड़ के सामने आए। इनमें शादीशुदा लोगों की संख्या सबसे ज्यादा रही। एक साल के दौरान दो हजार 67 पुरुष और सात सौ चौंतीस महिलाओं ने खुद की जान ली। सुसाइड़ के कारण अलग—अलग सामने आए। वहीं अनमैरिड लोगों की बात की जाए तो एक साल के दौरान सात सौ 88 पुरुष और तीन सौ पचपन महिलाएं ऐसी थी जो अनमैरिड़ थे और मौत को गले लगा लिया। करीब चार सौ केस सुसाइड़ के इस तरह के सामने आए जिनमें पुलिस सुसाइड़ का कारण पता नहीं कर सकी। राजस्थान में परिवार के सामूहिक आत्महत्या के भी सात केस एक साल के दौरान सामने आए। इनमें मौत को गले लगाने वाले परिवार के सदस्यों की संख्या 22 थी। बड़ी बात ये रही कि राजस्थान में जिन 4500 से ज्यादा लोगों ने सुसाइड़ किया उनमें से करीब साढ़े छह सौ लोग ही बिना पढे लिखे थे। बाकि जितने भी थे सभी पढ़े लिखे थे लेकिन कई कारणों के चलते लोगों ने मौत को गले लगा लिया। वहीं पूरे देश में एक 92 हजार से भी ज्यादा शादीशुदा लोगों ने जान दे दी।