जयपुरPublished: Feb 18, 2021 10:26:30 pm
Neeru Yadav
व्यक्ति अगर ज्ञान और आत्मविश्वास से भरा हो तो चुनौतियां भी लक्ष्य प्राप्त करने में बाधक नहीं बन सकती हैं। ऐसा ही कर दिखाया है दृष्टिबाधित शिक्षिका सुनीता मोहता ने। वे नौ वर्ष की आयु में दोनों आंखों की रोशनी खो चुकी थीं, लेकिन वे बाधाओं को पार करके न सिर्फ पढ़ीं बल्कि आज सरकारी अध्यापिका भी हैं। अब वे बालिका शिक्षा के लिए काम कर रही हैं।
दृष्टिबाधित सुनीता जला रहीं शिक्षा की ज्योत