(Rajastahn Highcourt) हाईकोर्ट ने (Rajastahn University) राजस्थान यूनिवर्सिटी मेंं चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत (handicapped) दिव्यांग कर्मचारी को (supernnuation) सेवानिवृत्ति की (Due Date) तय तिथि से छह साल पहले सेवानिवृत्त करने पर युनिवर्सिटी के (VC) वीसी और (Registrar) रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है।
जयपुर•Apr 18, 2020 / 07:24 pm•
Mukesh Sharma
जयपुर
(Rajastahn Highcourt) हाईकोर्ट ने (Rajastahn University) राजस्थान यूनिवर्सिटी मेंं चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत (handicapped) दिव्यांग कर्मचारी को (supernnuation) सेवानिवृत्ति की (Due Date) तय तिथि से छह साल पहले सेवानिवृत्त करने पर युनिवर्सिटी के (VC) वीसी और (Registrar) रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है। न्यायाधीश एस.पी.शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश ओमप्रकाश की याचिका पर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति आदेश को याचिका के अंतिम निर्णय के अध्यधीन रखा है।
एडवोकेट हितेश बागड़ी ने बताया कि प्रार्थी की सेवानिवृत्ति 2026 में होनी है। लेकिन यूनिवर्सिटी ने 2020 मेंं सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की 11 दिसंबर 2019 को जारी लिस्ट में प्रार्थी का नाम भी अंकित कर दिया। इस संबंध में प्रार्थी ने यूनिवर्सिटी को प्रतिवेदन भी दिया लेकिन उसका नाम सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की लिस्ट में से नहीं हटाया। 11 दिसंबर,2019 की लिस्ट को चुनौती देते हुए कहा है कि यूनिवर्सिटी के एक प्रशासनिक आदेश में प्रार्थी की जन्मतिथि को 1966 की बजाय गलती से 1960 कर दिया है। जबकि पे-स्लिप, एसीआर व अन्य दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि 1966 व सेवानिवृत्ति की तारीख 2026 ही है। प्रार्थी एक पैर से विकलांग है और ऐसे में उसे जबरन सेवानिवृत्त करना अन्यायपूर्ण है। इसलिए उसे 2020 में सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।