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सुप्रीम कोर्ट के आदेश, फिर भी मृत्यु प्रमाण में नहीं लिख रहे ‘कोरोना से मौत’

locationजयपुरPublished: Oct 13, 2021 09:04:45 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना संक्रमण से मौत का उल्लेख करने का आदेश जारी किया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार से निर्देश नहीं मिलने की वजह से जयपुर के ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम आज भी मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का अंकन नहीं कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश, फिर भी मृत्यु प्रमाण में नहीं लिख रहे 'कोरोना से मौत'

सुप्रीम कोर्ट के आदेश, फिर भी मृत्यु प्रमाण में नहीं लिख रहे ‘कोरोना से मौत’

उमेश शर्मा . जयपुर।

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना संक्रमण से मौत का उल्लेख करने का आदेश जारी किया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार से निर्देश नहीं मिलने की वजह से जयपुर के ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम आज भी मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का अंकन नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते कोरोना से मौत के बावजूद ज्यादातर लोगों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
बताया जा रहा है कि चिकित्सकीय प्रमाणीकरण योजना (एमसीसीडी) फॉर्म चार एवं फार्म चार-ए में मृत्यु के कारण का उल्लेख किया जाता है। मगर आज तक नगर निगम को एमसीसीडी की ओर से ये दोनों फॉर्म भेजे ही नहीं जाते हैं, जिसकी वजह से निगम के रिकॉर्ड में यह उल्लेख ही नहीं है कि संबंधित व्यक्ति की मौत किस बीमारी से हुई। निगम के पास केवल फॉर्म-2 ही भिजवाया जाता है। गौरतलब है कि जनवरी से सितंबर तक हैरिटेज नगर निगम ने 6700 और ग्रेटर नगर निगम में 29500 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं।
निगम की लापरवाही भी आई सामने

चिकित्सा विभाग के साथ-साथ पूरे मामले में निगम की भी लापरवाही भी सामने आई है। आज तक निगम ने भी फॉर्म चार एवं फार्म चार-ए नहीं आने को लेकर कोई आ पत्ति नहीं जताई। बल्कि फॉर्म-2 के आधार पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
आदेश के बाद भी नहीं हुए शुरू

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के निदेशक ने पिछले दिनों सभी मुख्य चिकित्सा और प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में समस्त चिकित्सकीय संस्थानों को फॉर्म-2 के साथ फॉर्म चार रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फार्म चार-ए भी पारिवारिक सदस्य को अलग से उपलब्ध करवाया जाए।
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