न्यायालय ने चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का भी राज्य सरकार को निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति यानी सीईसी को राजस्थान में अवैध बजरी खनन मामले की जांच करने का निर्देश दिए। समिति को छह सप्ताह के अंदर अपने सुझावों के साथ रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, ” बजरी खनन के कारण पर्यावरण को अपूरणीय क्षति हो रही है।” गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट राजस्थान में अवैध बजरी खनन को लेकर कई याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रहा है।
धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन
सुप्रीम कोर्ट केे आदेश बजरी माफियाओं ने कागजी साबित कर रहे है। भले ही प्रशासनिक स्तर पर इसे रोकने के लिए कागजों में व्यवस्था है, लेकिन धरातल पर बेलगाम बजरी खनन जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवम्बर 2017 को बनास सहित अन्य नदियों में बजरी खनन पर रोक लगाए जाने के आदेश जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट केे आदेश बजरी माफियाओं ने कागजी साबित कर रहे है। भले ही प्रशासनिक स्तर पर इसे रोकने के लिए कागजों में व्यवस्था है, लेकिन धरातल पर बेलगाम बजरी खनन जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवम्बर 2017 को बनास सहित अन्य नदियों में बजरी खनन पर रोक लगाए जाने के आदेश जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में प्रशासन सहित पुलिस, राजस्व, वन, खनिज विभाग के कर्मचारी-अधिकारी शामिल एसआइटी का गठन भी किया गया, इसके बावजूद धड़ल्ले से बजरी खनन जारी है। टोंक ज़िले में खनिज विभाग ने बजरी खनन पर रोक के बाद से अब तक 2 हज़ार 210 वाहनों की जब्ती की कार्रवाई की है। वहीं इन वाहनोंं से 13 करोड़ 90 रुपए जुर्माना भी वसूल किया जा चुका है।
यहां हो रहा है खनन
जिले में राजमहल, संथली, बंथली, देवड़ावास, सतवाड़ा, देवीखेड़ा, बोटूंदा स्थित नदी से होने वाले बजरी खनन से लदे वाहन बूंदी, कोटा, के अलावा टोडारायसिंह व मालपुरा होते हुए जयपुर की ओर जाते है। वहीं टोंक क्षेत्र में लहन, पालड़ा, गहलोद, नयागांव, बोरदा, चूली एवं बरवास से खनन कर माफिया शहर में बजरी परिवहन करते है।
इसके अलावा पीपलू में जेबाडिया, ककराज कलां, नानेर, बोरखण्डी, नाथड़ी, बगड़ी में बेतहाशा खनन जारी है। वहीं निवाई में देवली-भांची, चिरोंज, दतवास, मोटूका क्षेत्र में खनन कर जयपुर की ओर बजरी परिवहन किया जाता है।
पनप गया माफिया संगठन
बजरी खनन से जुड़े लोग पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की रैकी कर हर गतिविधि की जानकारी रखते है। निवाई में करीब छह माह पूर्व बजरी खनन से जुड़े लोगों ने पथराव बजरी भरा ट्रक छुड़ा लिया। निवाई एसडीओ की गाड़ी के दो बार टक्कर मार चुके है।
बजरी खनन से जुड़े लोग पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की रैकी कर हर गतिविधि की जानकारी रखते है। निवाई में करीब छह माह पूर्व बजरी खनन से जुड़े लोगों ने पथराव बजरी भरा ट्रक छुड़ा लिया। निवाई एसडीओ की गाड़ी के दो बार टक्कर मार चुके है।
वहीं पीपलू की तत्कालीन एसडीओ अर्पिता सोनी की गाड़ी के आगे टै्रक्टर लगा कर रास्ता रोकने सहित अनेक घटनाएं कारित कर चुके है। 12 दिसम्बर को वनविभाग की टीम को धकेलते हुए पत्थर माफिया ट्रैक्टर छुड़ा ले गए। वहीं विगत माह में टोडारायसिंह में हैड कांस्टेबल की भी मौत हो चुकी है। इसके बावजूद प्रशासन बजरी माफिया से सख्ती से नहीं निपट पा रहा है।