सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का सीधा-सीधा असर प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। निर्माण कार्यों में सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण और काम आने वाली बजरी की कीमतों में उछाल आना तय माना जा रहा है। पहले भी खनन पर लगी पाबंदियों का असर बजरी कीमतों पर देखा गया था। बजरी कीमतें कई गुना बढ़ गईं थी।
बजरी का खनन इससे पहले भी राज्य में बंद हुआ था। उस समय 8 हजार का बजरी ट्रक 45 हजार तक बिका था। बड़ी लीज बंद करें
कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि बजरी खनन पर रोक सुनिश्चित की जाए। बड़ी बजरी लीजों को बंद कराया जाए। राजस्थान में बजरी की 82 बड़ी लीज थीं, जो अस्थाई वर्क परमिट पर काम कर रहीं थीं।
खान विभाग के सूत्रों के अनुसार इस आदेश के बाद सिर्फ एक दर्जन ब्लॉक ही बचेंगे, जहां पर्यावरण एनओसी मिलने के कारण बजरी खनन हो पाएगा। वर्ष 2013 में राज्य में बजरी की 105 लीजें थी। एनजीटी के आदेश के बाद पांच साल पूर्व 23 बजरी की लीज बंद करवा दी गई थी।
डीएस मारू, निदेशक खान निदेशालय 10 लीज होल्डर के साथ अब तक एग्रीमेंट
सूत्रों के मुताबिक राज्य में 53 बजरी खानों में खनन चल रहा है। इनमें से करीब 12 खानों के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर चुका है। इनमें से सरकार 10 लीज होल्डर के साथ अब तक एग्रीमेंट कर चुके हैं।
फैक्ट फाइल…
– 80 बजरी खानों को वर्ष 2013 में खनन के लिए अस्थायी स्वीकृति राज्य सरकार ने जारी की
– 2 बजरी खानों को एनजीटी के आदेश से बंद करा दिया गया
– 24 बजरी खानों को पिछले दिनों राज्य सरकार ने गारंटी और प्रीमियम राशि जमा नहीं कराने पर किया निरस्त
– 1 खान को और बंद करने की प्रक्रिया चल रही थी
– 53 बजरी खानों में अभी हो रहा था बजरी
टोंक की बनास नदी में टोडारायसिंह, जयपुर में कोटपूतली व शाहपुरा, दौसा, झुंझुनूं, भीलवाड़ा, जोधपुर , अजमेर , चित्तौडग़ढ़, धौलपुर, नागौर, बाड़मेर में बजरी खानें बंद होने से हजारों मजदूरों का रोजगार छिन गया है। राज्य सरकार ने जल्द रास्ता नहीं निकाला तो निर्माण कार्यों के लिए बजरी मिलना ही मुश्किल हो जाएगा।
नवीन शर्मा, अध्यक्ष ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी