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भारत में मंज़ूरी से पहले ब्रिटेन में नहीं होगी फिल्म पद्मावती रिलीज़, जाने क्या कुछ हुआ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में

locationजयपुरPublished: Nov 28, 2017 03:36:29 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

Film Padmavati Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने बयानबाज नेताओं की दी नसीहत, कहा- सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग कैसे दे रहे बयान

padmavati
जयपुर/ नई दिल्ली।

फिल्म पद्मावती को लेकर छिड़े विवाद के बीच कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा कि जब यह फिल्म मंजूरी के लिए लंबित हैं, तब सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग कैसे यह बयान दे सकते हैं कि सेंसर बोर्ड को इस फिल्म को पास करना चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से सेंसर बोर्ड का निर्णय प्रभावित होगा।
दूसरी तरफ कोर्ट में भंसाली के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने शीर्ष अदालत को भरोसा दिलाया कि फिल्म को दूसरे देशों में भारत में मंजूरी मिलने से पहले रिलीज नहीं किया जाएगा। उन्होंने दूसरे देशों में एक दिसंबर को फिल्म को रिलीज करने की खबरों को गलत करार दिया।
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निर्माता-निर्देशक पर आपराधिक मामले की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावती के निर्माता-निर्देशक पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की वकील एमएल शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया। शर्मा ने फिल्म की रिलीज पर ही रोक लगाने की मांग की थी। यही नहीं अदालत ने अर्जी को बेवजह करार देते हुए याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को लेकर बयानों पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों का ऐसे बयान जारी करना अवांछनीय है। इससे सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचेगा और यह कानून के सिद्धांत के भी खिलाफ है।
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सेंसर बोर्ड पर होगा बयानबाजी का असर
अदालत ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को कानून का पालन करना चाहिए और ऐसी किसी फिल्म पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिसे सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग टिप्पणियां करेंगे तो सेंसर बोर्ड के मेंबर्स पर इसका असर होगा और संस्था का निर्णय प्रभावित हो सकता है।
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