सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के12 साल पुराने आदेश के खिलाफ अपील को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट में यह मामला 1996 में आया था। रामदत्त शर्मा की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने चार मई 2005 को लम्बी दूरी की ट्रेनों में चिकित्सा सुविधा के लिए चार सीट सुरक्षित करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त 2005 को आदेश की पालना पर रोक लगा दी थी।
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– लंबी दूरी की ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाई सहित फस्र्ट एड बॉक्स की कर दी व्यवस्था
– 162 ट्रेनों में उपलब्ध कराया है फस्र्ट एड बॉक्स
– इस बॉक्स में उपलब्ध हैं 58 तरह की दवाई
– ट्रेन में सफर कर रहे डॉक्टर की दिलाई जाती है सुविधा
– टेलीफोन नम्बर 168 व ट्विटर के जरिए ली जा सकती है सहायता
– 31 केमिस्ट स्टॉल, 294 केमिस्ट कॉर्नर, चेन्नई में केमिस्ट के साथ डॉक्टर भी
– डॉक्टरों को किराए में विशेष रियायत और रिजर्वेशन चार्ट में उसका नाम
– 2 एसी में नीचे की दो सीट डॉक्टरों के लिए सुरक्षित
– 80 से 120 किमी पर 600 जगह अस्पताल व इलाज की सुविधा
– लंबी दूरी की ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाई सहित फस्र्ट एड बॉक्स की कर दी व्यवस्था
– 162 ट्रेनों में उपलब्ध कराया है फस्र्ट एड बॉक्स
– इस बॉक्स में उपलब्ध हैं 58 तरह की दवाई
– ट्रेन में सफर कर रहे डॉक्टर की दिलाई जाती है सुविधा
– टेलीफोन नम्बर 168 व ट्विटर के जरिए ली जा सकती है सहायता
– 31 केमिस्ट स्टॉल, 294 केमिस्ट कॉर्नर, चेन्नई में केमिस्ट के साथ डॉक्टर भी
– डॉक्टरों को किराए में विशेष रियायत और रिजर्वेशन चार्ट में उसका नाम
– 2 एसी में नीचे की दो सीट डॉक्टरों के लिए सुरक्षित
– 80 से 120 किमी पर 600 जगह अस्पताल व इलाज की सुविधा
हाईकोर्ट का मई 2005 का आदेश
– लंबी दूरी की ट्रेनों में चार सीट मेडिकल सुविधा के लिए हों
– ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवन रक्षक दवाइयों की व्यवस्था हो
– यात्रियों को ट्रेन में मुफ्त इलाज उपलब्ध हो
– स्टेशन पर केमिस्ट की व्यवस्था हो
– लंबी दूरी की ट्रेनों में चार सीट मेडिकल सुविधा के लिए हों
– ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवन रक्षक दवाइयों की व्यवस्था हो
– यात्रियों को ट्रेन में मुफ्त इलाज उपलब्ध हो
– स्टेशन पर केमिस्ट की व्यवस्था हो