बार एसोसिएशन रोस्टर बदलने को सीजे पर दबाव नहीं बना सकती
जयपुरPublished: Oct 26, 2021 02:35:22 am
सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन के कथित न्यायिक कार्य बहिष्कार को लेकर मौखिक टिप्पणी की
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जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों राजस्थान हाईकोर्ट में एक बेंच के बहिष्कार की बार एसोसिएशन की कथित घोषणा पर एतराज जताया है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि बार एसोसिएशन और अधिवक्ता किसी न्यायाधीश का रोस्टर बदलने के लिए मुख्य न्यायाधीश पर दबाव नहीं बना सकते। साथ ही, बार एसोसिएशन के जवाब के लिए समय मांगने पर कोर्ट ने 16 नवम्बर तक सुनवाई टाल दी।
न्यायाधीश एमआर शाह और न्यायाधीश एएस बोपन्ना की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा, न्यायाधीशों पर दबाव बनाने के संघों के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने पिछले दिनों राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन(जयपुर पीठ) के पदाधिकारियों को इस मामले में अवमानना नोटिस जारी किया था। साथ ही, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल से 27 सितंबर 2021 के बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर वस्तुस्थिति बताने को कहा था, जिस पर रिपोर्ट अब 12 नवम्बर तक पेश करने गया है। इस बीच बार एसोसिएशन की ओर से 27 सितम्बर को हड़ताल ही नहीं किए जाने की बात कही गई है।
कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि मुख्य न्यायाधीश मास्टर ऑफ रोस्टर होते हैं, उन पर रोस्टर बदलने को दवाब नहीं बनाया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश को रोस्टर बदलने के लिए कहना किसी अन्य का काम नहीं है। कोर्ट ने मौखिक रूप से बार काउंसिल ऑफ इंडिया अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा से यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो।