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बगावत पर उतरे भाजपा के ये दिग्गज नेता, किया निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान, समर्थकों में आक्रोश!

locationजयपुरPublished: Nov 14, 2018 10:10:36 am

Submitted by:

dinesh

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BJP
पाली/जैतारण। चौंतीस साल तक भाजपा से जुड़े रहे जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल (Surendra Goyal) ने अपना टिकट कटने पर पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने न सिर्फ निर्दलीय चुनाव (Rajasthan Election 2018) लडऩे का ऐलान किया है बल्कि भाजपा की चूलें हिलाने का आह्वान भी किया है। उनके बगावती तेवर से होने वाले नुकसान को लेकर भाजपा आशंकित भी नजर आ रही है। भाजपा में टिकटों की रार के बीच गोयल से पत्रिका की विशेष बातचीत।
– आपका टिकट कट गया, अब क्या करेंगे?
सुरेन्द्र- पांच बार विधायक रहा हूं, 40-45 साल तक जनसेवा की है। लोगों ने कह दिया है कि चुनाव लड़ो, तो चुनाव लडंूगा।

– कोई मनाने नहीं आया?
सुरेन्द्र- पार्टी के कई नेताओं ने सम्पर्क किया। चाहते हैं कि मैं चुप बैठूं। लेकिन जनता नहीं कहेगी तब तक मैं हरगिज चुप नहीं बैठ सकता। जनता मेरे लिए खून देने को तैयार है और मैं जनता के लिए।
– निर्दलीय क्यों, विकल्प भी तो हैं?
सुरेन्द्र- मुझे किसी पार्टी में जाने की क्या जरूरत है? जनता मुझे जानती है, वही जिताएगी।

– क्यों कटा होगा टिकट?
सुरेन्द्र- जमीनी कार्यकर्ता हूं। बेदाग हंू। लगातार जीत रहा हूं। पार्टी का हर आदेश माना। फिर भी टिकट कट जाए तो समझ सकते हैं, पार्टी में कितना बदलाव आ गया।
– क्या किसी पार्टी ने आपसे सम्पर्क किया है?
सुरेन्द्र- सम्पर्क कोई भी करे, इससे मतलब नहीं है। जनता जैसा कहेगी वैसा करूंगा।

– चुनाव के नतीजे के बाद मूल पार्टी में लौटेंगे?
सुरेन्द्र- पार्टी ने मेरे साथ जो करना था वह कर दिया। अब जनता मुझे जिताएगी, वह कहेगी वैसा करूंगा।

– आपका नाम खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों में शामिल था?
सुरेन्द्र- मंत्री पहले भी रहा, लगातार जीता। प्रदर्शन खराब होता तो जनता जीतने नहीं देती। सब बहानेबाजी है।

– आपका टिकट कटवाने में किसी की भूमिका है?
सुरेन्द्र- पता नहीं कैसे कटा, लेकिन मेरा टिकट तो कट गया। पता चला है कि आरएसएस की भूमिका रही है। उनका सोचना है कि यह जनाधार वाला नेता है, इसने लम्बी राजनीति कर ली, अब सफाया कर दो।
उम्र – 64
शिक्षा – एलएलबी
अनुभव – वर्ष 1980 से राजनीति में और 1984 से भाजपा में। पांच बार विधायक रहे। यूडीएच, पंचायत राज मंत्री भी रहे।

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