पायलट प्रोजेक्ट का आगाज
देसी गौवंश के अनुवांशिक गुणों एवं प्रति गौवंश उत्पादकता में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए गीर व थारपारकर नस्ल के गौवंश सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य में आरकेवीआई रफ्तार योजना के तहत गोपालन निदेशालय और एनडीडीबी ने प्रबंधित संस्था साबरमती आश्रम गौशाला के तकनीकी सहयोग से वीवो फर्टिलाइजेशन एवं भ्रूण प्रत्यारोपण के माध्यम से पायलट योजना शुरू की।
देसी गौवंश के अनुवांशिक गुणों एवं प्रति गौवंश उत्पादकता में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए गीर व थारपारकर नस्ल के गौवंश सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य में आरकेवीआई रफ्तार योजना के तहत गोपालन निदेशालय और एनडीडीबी ने प्रबंधित संस्था साबरमती आश्रम गौशाला के तकनीकी सहयोग से वीवो फर्टिलाइजेशन एवं भ्रूण प्रत्यारोपण के माध्यम से पायलट योजना शुरू की।




इन स्थानों पर अलग—अलग नस्ल की गायों में रखे भ्रूण
गोशाला— प्रत्यारोपित भ्रूणों की संख्या मामडियाई गोशाला पचपदरा बालोतरा बाड़मेर— 20 मामडियाई गौशाला सांगढ़, जैसलमेर— 12 शिवम डेयरी बिचून जयपुर— 02 बृजकामद सुरभि वन गौशाला, जड़खोर भरतपुर— 04 सुरभि गौशाला, गिर फार्म, अजमेर— 16
रुफिल जोशी डेयरी फार्म, जोबनेर, जयपुर— 10 राजदरबार आहलूवालिया फार्म विराटनगर जयपुर— 40 दुर्गापुरा गोसेवा संघ जयपुर— 10 पीजीआईवीआरआई जयपुर— 36 —— कुल 150
फोटो — राज्य के अलग अलग गौशालाओं में सरोगेट मदर के जरिए जन्मे बछड़े व बछड़ियां।
