नेता, एनसीपी और कांग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सिर्फ आदित्य ही सफाई क्यों दें? राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ें। यह दुर्भाग्य है कि
महाराष्ट्र सरकार घटिया राजनीति कर रही है। तथ्यों से छेड़खानी की जा रही है, सबूतों को मिटाया जा रहा है। सीबीआई को इन सब बातों को संज्ञान में लेना चाहिए।’
नार्को टेस्ट करा दे ताकि रहस्य से ही परदा खुल जायगा। आदित्य ठाकरे ने डरकर सफाई दे दी, वह ही सफाई क्यों दें अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी चुप्पी तोड़ें।’
हर परिवार की कुछ कहानी होती है। शिवसेनावालों की भी बहुत है। लेकिन सुशांत की मृत्यु एक संवेदनशील विषय है। शिवसेना को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए,न कि
टुच्चापन।
अंदर यह मांग मान भी ली गई। यह राज्य की स्वायत्ता पर सीधा हमला है। सुशांत का मामला कुछ और समय मुंबई पुलिस के हाथ में रहता तो आसमान नहीं टूट जाता
लेकिन यह राजनीतिक निवेश और दबाव की राजनीति है। उन्होंने यहां तक कहा कि सुशांत प्रकरण की ‘पटकथा’ पहले ही लिखी गई थी।
कहा कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं पर बीते कुछ वर्षों में सवालिया निशान लग चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में बीजेपी उद्धव ठाकरे
की सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। सरकार नहीं गिरा पा रहे हैं तो बदनाम किया जा रहा है।