पटना/मुंबई/लखनऊ। देश में लॉकडाउन की वजह से बिहार के मजदूर, कामगार और छात्र बड़ी संख्?या में दूसरे प्रदेशों में फंसे ( Stranded Migrant Labour ) हैं। विपक्ष लगातार दूसरे राज्यों में फं से इन लोगों को वापस लाने के मुद्दे पर बिहार की नीतीश सरकार पर दबाव बनाता रहा। बुधवार को केंद्र सरकार ने कुछ शर्तों के साथ बाहर के प्रदेशों में फंसे बिहार के लोगों को वापस लाने की अनुमति दे दी है। इस अनुमति के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री ( Deputy Chief Minister ) सुशील मोदी ( Sushil Modi ) ने पहले इन लोगों को वापस लाने की बात पर चिंता जाहिर की थी कि कैसे इतने लोगों को लाया जाएगा। अब सुशील मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) की तर्ज पर केंद्र सरकार से सुदूर फंसे राज्य के मजदूरों-कामगारों को लाने ( To Return ) के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग ( Demands for Special Trains ) की है। ( Jaipur News ) सुशील मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि मैं केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अपील करता हूं।
-अपने प्रवासियों की वापसी का खर्च वहन करें राज्य : महाराष्ट्र सरकार कोरोना महामारी का कहर महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र में फंसे दूसरे राज्यों के प्रवासी अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि संबंधित राज्यों की सरकारें अपने प्रवासियों को घर वापस लाने का खर्च वहन करें। इस पर अंतिम फैसला गुरुवार को लिया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में कुल 12 से 13 लाख प्रवासी हैं, जिनमें से 10 लाख अपने राज्यों में वापस जाना चाहते हैं। ऐसे में सबसे बड़ी चिंता यह है कि प्रवासियों को उनके राज्यों में वापस ले जाने का खर्च कौन वहन करेगा, क्योंकि अगर महाराष्ट्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़ती है तो सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा।
-योगी की भावुक अपील…सब्र रखें, घर पहुंचाएंगे उधर, लखनऊ में लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फं से उत्तर प्रदेश के कामगारों और मजदूरों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भावुक अपील की है। उन्होंने श्रमिकों से गुरुवार को कहा कि वे सब्र रखें। सरकार उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रही है। सभी प्रवासी कामगार व श्रमिक बहनों-भाइयों से अपील है कि जिस धैर्य का परिचय आप सभी ने अभी तक दिया है उस धैर्य को बनाए रखें, पैदल न चलें, जिस राज्य में है वहां की सरकार से संपर्क में रहें।