सौम्या पति राजाराम और सफाई कंपनी के अधिकारी ओंकार को लेकर एसीबी की टीम करीबन सवा चार बजे एसीबी कोर्ट पहुंची। जहां पर एसीबी ने कोर्ट से दो दिन का रिमांड बढ़ाने की गुहार की। एसीबी ने अब तक पूछताछ में दोनों के सहयोग नहीं करने की जानकारी भी दी गई। वहीं दोनों के अधिवक्ताओं ने इस विरोध करते हुए कहा कि दस जून से एसीबी जांच कर रही है और 29 जून से दोनों की कस्टडी एसीबी के पास है ऐसे में अब पीसी नहीं दिया जाना चाहिए। दोनों ने एसीबी का पूरा सहयोग किया है केवल प्रताड़ित करने के लिए रिमांड मांगा जा रहा है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों का एक दिन रिमांड और बढ़ा दिया।
राजाराम के अधिवक्ता राजाराम के अधिवक्ता ने कहा कि एसीबी ने 29 जून को गिरफ्तार कर लिया था उसके बाद से अब तक एसीबी की कस्टडी में आरोपी हैं। घर का सर्च पूरा हो सकता है हर जांच में सहयोग कर रहे हैं लेकिन एसीबी लठ्ठ के जोर पर आरोप स्वीकार करवाना चाहती है। हमारे खिलाफ कोई सबूत अब तक नहीं मिला है कभी ओंकार पर सरकारी गवाह बनने का दवाब डाल रहे हैं कभी किन्हीं लोगों का नाम लेने की बोल रहे हैं। जबकि वीडियो या आॅडियो किसने बनाया, किसने वायरल किया यह तक खोज नहीं पाए हैं।
एसीबी के अधिकारी राजाराम के अधिवक्ता के आरोप लगाने पर एसीबी के अधिकारी ने खुद सफाई देते हुए कहा कि हमारे पास लठ होता ही नहीं है हमने कोई टार्चर नहीं किया है हम केवल जांच कर रहे हैं। वीडियों की दो—दो एफएसएल लैब से जांच रिपोर्ट है। जहां पर वीडियो बनाया गया है वह जगह जानना चाहते हैं ताकि पुख्ता मामला बनाया जा सके। ओंकार कहता है मैं पूने का हूं मुझे रास्ते नहीं पता और राजाराम सहयोग नहीं कर रहा है।
कोर्ट की नाराजगी दोनों को एसीबी के अधिकारी करीबन सवा चार बजे लेकर कोर्ट पहुंचे। कोर्ट समय समाप्त होने के कुछ समय पहले पेशी पर पीठासीन अधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगता है ऐसे में एसीबी को कोर्ट का समय ध्यान रखना चाहिए।