महेश जोशी ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का फैसला बताता है कि राजस्थान सरकार ने महामौर सौम्या गुर्जर के निलंबन को लेकर जो फैसला लिया था, वह न्याय संगत और तर्कसंगत होने के साथ ही नैतिक रूप से भी ठीक था।
राजस्थान में किसी को भी अनैतिक कार्यों, हिंसा या फिर अनुशासनहीनता नहीं करने दी जाएगी। जोशी ने कहा कि जो जैसा करेगा वैसा फल भुगतेगा। महेश जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का इतिहास रहा है, इनके नेता अधिकारी और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते रहे हैं लेकिन प्रदेश में ऐसा अब बर्दाश्त नहीं होगा।
पुतला जलाने पर बोले महेश जोशी, ‘पुतला तो हम भी जला सकते हैं’
फोन टैपिंग के आरोपों के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। हाल ही में जहां महेश जोशी समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ बड़ी चौपड़ पर प्रदर्शन किया था तो वहीं सोमवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समर्थकों ने सिविल लाइन फाटक पर महेश जोशी का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया।
हालांकि अपने पुतला की खबरों पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि पुतला तो हम भी फूंक सकते हैं लेकिन हमें पर्यावरण की चिंता है। पुतला फूंकने से पर्यावरण दूषित होगा। जोशी ने कहा कि कोरोनाकाल में कोरोना के खात्मे के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिवाली पर पटाखों पर बैन लगाया था इसलिए हम ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे कि प्रदूषण को कोई नुकसान हो। जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री कोरोना खत्म करने की अपील कर रहे हैं और बीजेपी के नेता पुतले जलवाकर कोरोना बढ़ावा दे रहे हैं।
महेश जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपरिपक्व नेता हैं, उनकी नादानी के चलते उन्हें कोई भी राजस्थान बीजेपी का नेता स्वीकार नहीं करता है। दिल्ली पुलिस के नोटिस के सवाल पर जोशी ने कहा कि उनके जीवन में आज तक किसी एफआईआर में उनका नाम नहीं है, लेकिन जिस तरह से राजनीतिक द्वेष के चलते उन्हें दिल्ली पुलिस का नोटिस दिया गया है।
यह पूरी करतूत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से की गई। गौरतलब है कि गजेंद्र सिंह शेखावत और महेश जोशी के बीच इन दिनों दिल्ली पुलिस के नोटिस को लेकर ट्विटर वॉर चल रहा है।