हालांकि रिपोर्ट पर एक्शन होगा या नहीं? इस पर फिलहाल संशय बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी भी शनिवार को अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं जहां वे कई नेताओं से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे।
इधर कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट पर कोई बड़ा एक्शन होने वाला नहीं है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि अगर वेद सोलंकी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाता है तो फिर इससे पायलट कैंप में नाराजगी बढ़ेगी जो की पार्टी के लिए मुसीबतें पैदा कर सकती हैं।
ऐसे में इस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में ही डाल कर छोड़ दिया जाएगा या फिर केवल वेद प्रकाश सोलंकी पर बड़ा एक्शन लेने की बजाए केवल चेतावनी देकर आगे से इस तरह के कृत्य नहीं करनी भी नसीहत दी जा सकती है।
कार्रवाई नहीं करने की एक वजह यह भी
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो वेद प्रकाश सोलंकी पर बड़ा एक्शन नहीं लेने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि अगर जयपुर में हार के लिए वेद सोलंकी जिम्मेदार है तो फिर जैसलमेर और सीकर जिला परिषद चुनाव में में बहुमत के बावजूद कांग्रेस की हार के लिए कौन जिम्मेदार हैं, उन पर भी कार्रवाई हो।
बताया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट सचिन पायलट कैंप की तरफ से तैयार की गई है, अगर सोलंकी पर कार्रवाई हुई तो फिर पायलट इस रिपोर्ट को कांग्रेस आलाकमान को सौंप कर हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई की मांग करेगा।
अपना पक्ष रखने दिल्ली पहुंचे सोलंकी
इधर चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी शनिवार को अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। हालांकि शनिवार को उनकी किसी भी नेता से मुलाकात नहीं हुई लेकिन माना जा रहा है कि रविवार को पार्टी के कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात करके अपना पक्ष रखेंगे और और एक रिपोर्ट भी सौंपेंगे जिसमें उन्हें जबरन हार का जिम्मेदार बताया जा रहा है
मेघवाल-मसीह की थी कार्रवाई की सिफारिश
इससे पहले जयपुर जिला प्रमुख की हार का ठीकरा चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी पर फोड़ते हुए जयपुर संभाग प्रभारी और कांग्रेस विधायक गोविंद मेघवाल और जयपुर जिला प्रमुख चुनाव के पर्यवेक्षक मुमताज मसीह ने एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें हार के लिए वेद प्रकाश सोलंकी को जिम्मेदार ठहराया गया था।
प्रदेश नेतृत्व और कांग्रेस आलाकमान से वेद प्रकाश सोलंकी पर कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश भी की थी। दोनों नेताओं ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सौंप दी थी, जिसके बाद पीसीसी चीफ ने अपनी टिप्पणी के साथ रिपोर्ट ईमेल के जरिए कांग्रेस आलाकमान को भेज दी थी।