बैठक में तस्वीर साफ़ हो पाएगी कि कोरोना के फैलते संक्रमण में भी निकाय चुनाव करवाने हैं या नहीं। यदि सहमति बनती है तो आयोग की ओर से कभी भी चुनाव सम्बंधित क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जायेगी।
ज्जान्कारी के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग की विभिन विभागों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक 10 जुलाई को दोपहर तीन बजे बुलाई गई है। इस बैठक में आयोग सभी विभागों से चुनाव सम्बन्धी सुझाव लेगा। इसी बैठक में चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी । दरअसल, ये पहली बार है जब नगर निकायों के चुनाव कोरोना संकटकाल के दौरान करवाए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ख़ास इंतज़ाम किये जाने हैं।
बनी हुई है असमंजस की स्थिति
राज्य निर्वाचन आयोग की तैय्यारियों के बीच निकाय चुनाव के आयोजन को लेकर आखिरी समय तक सस्पेंस रह सकता है। दरअसल, प्रदेश भरे में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इस वैश्विक महामारी से संक्रमित होने वालों और जान गंवाने वालों का आंकडा थम नहीं रहा है। स्वास्थ विशेषज्ञों ने भी माना है कि अगस्त माह में भी कोरोना अटैक जारी रहेगा। ऐसे में निकाय चुनाव के आयोजन संपन्न होगा या नहीं, ये चर्चा का विषय बना हुआ है।
गौरतलब है कि प्रदेश के 129 नगर निकायों का कार्यकाल अगस्त महीने में समाप्त हो रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन नगर निकायों के लिए जारी पुनरीक्षण कार्यक्रम भी पूरा कर लिया है। इसके तहत मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, हटवाने और संशोधन करने कार्य पूरा हो चुका है। आयोग ने दावे एवं आक्षेपों के निस्तारण की अवधि 10 जुलाई तय की है। निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 20 जुलाई को किया जाएगा।