जनप्रतिनिधियों का नहीं मिल पाया साथ, इसलिए जनता को देना होगा साथ
स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने इंदौर शहर का दौरा किया और वहां जनप्रतिनिधियों के सहयोग को स्वच्छता के लिए नजीर माना। इसके बाद सरकार के निर्देश पर सभी विधायक, सांसदों को पत्र भी लिखा। लेकिन राजधानी जयपुर में ही जनप्रतिनिधि स्वच्छता के प्रति ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। यहां तक की निगम के ज्यादातर भाजपा पार्षदों ने ही इस काम से दूरी बनाए रखी। हालांकि, काम कुछ ही ने किया। जबकि, महापौर अशोक लाहोटी पार्षदों को सहयोग करने के लिए कहते रहे। इस बीच जनप्रतिनिधि व नौकरशाह के बीच टकराव की स्थिति ने काम और बिगाड़ दिया। ऐसे हालात में जनता की भूमिका अब ज्यादा हो गई है।
स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने इंदौर शहर का दौरा किया और वहां जनप्रतिनिधियों के सहयोग को स्वच्छता के लिए नजीर माना। इसके बाद सरकार के निर्देश पर सभी विधायक, सांसदों को पत्र भी लिखा। लेकिन राजधानी जयपुर में ही जनप्रतिनिधि स्वच्छता के प्रति ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। यहां तक की निगम के ज्यादातर भाजपा पार्षदों ने ही इस काम से दूरी बनाए रखी। हालांकि, काम कुछ ही ने किया। जबकि, महापौर अशोक लाहोटी पार्षदों को सहयोग करने के लिए कहते रहे। इस बीच जनप्रतिनिधि व नौकरशाह के बीच टकराव की स्थिति ने काम और बिगाड़ दिया। ऐसे हालात में जनता की भूमिका अब ज्यादा हो गई है।
इस तरह मिलेंगे नम्बर…
—स्वच्छता सर्वेक्षण, 2018 में देश के 4041 शहर शामिल होंगे। पिछले वर्ष 434 ही शहर शामिल थे यानि इस बार 3607 शहर ज्यादा।
—4 हजार अंकों का प्रश्न पत्र होगा, जिसमें 71 तरह के प्रश्नों से गुजरना पड़ेगा।
—35 प्रतिशत हो गया है कि जनता का फीडबैक जो पांच प्रतिशत बढ़ाया गया
—30 प्रतिशत अंक कचरा संग्रहण—परिवहन
—30 प्रतिशत अंक खुले में शौच मुक्ति के लिए
—स्वच्छता सर्वेक्षण, 2018 में देश के 4041 शहर शामिल होंगे। पिछले वर्ष 434 ही शहर शामिल थे यानि इस बार 3607 शहर ज्यादा।
—4 हजार अंकों का प्रश्न पत्र होगा, जिसमें 71 तरह के प्रश्नों से गुजरना पड़ेगा।
—35 प्रतिशत हो गया है कि जनता का फीडबैक जो पांच प्रतिशत बढ़ाया गया
—30 प्रतिशत अंक कचरा संग्रहण—परिवहन
—30 प्रतिशत अंक खुले में शौच मुक्ति के लिए