215वां था स्थान- नगर निगम का स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 में 215वां स्थान था। इतनी नीचे रैंकिंग आने के बाद राज्य सरकार ने नाराजगी जाहिर की थी। इस सर्वेक्षण के भी कई महीनों के बाद भी निगम अपनी रैंकिंग सुधारने की दिशा में
काम नहीं कर पाया था। कैसे-जैसे जुगाड़ करके डोर टू डोर योजना को शुरू किया गया है। लेकिन अब भी आमजन का सर्वेक्षण से जुड़ाव नहीं हो पाया है। सवेक्षण में 4041 शहर शामिल हैं।
ये है नंबरों का गणित- म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन कुल अंक 1400, जिनमें ठोस कचरे का परिवहन एवं एकत्रिकरण के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), ठोस कचरे का प्रसंस्करण एवं निपटान के लिए 25 प्रतिशत (350 अंक), स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त 30 प्रतिशत (420 अंक), सूचना-शिक्षा एवं संचार व्यवहार में बदलाव के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक), क्षमता सवंर्द्धन के लिए 5 प्रतिशत (70) एवं नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रक्रिया के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक) होंगे।
प्रत्यक्ष अवलोकन- इसके लिए जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की है, उसमें 1200 अंकों में से प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (360 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक) निर्धारित है।
नागरिक प्रतिक्रिया- इसके लिए निर्धारित 1400 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक) निर्धारित किए है।