चीन से तैरकर आया स्वीडन का गोल्डन ब्रिज
जयपुरPublished: Mar 28, 2020 09:45:03 am
इस दौर में जब हम सभी कोरोना के डर में फंसे हुए हैं। सड़कें सूनी पड़ी हैं, गलियां वीरान हैं, बसों को स्टैंड पर खड़ा कर दिया गया है और रेलवे थम गई है, वहीं स्वीडन में गोल्डन ब्रिज बोट के जरिए चीन से आ गया है।
चीन से तैरकर आया स्वीडन का गोल्डन ब्रिज
इस दौर में जब हम सभी कोरोना के डर में फंसे हुए हैं। सड़कें सूनी पड़ी हैं, गलियां वीरान हैं, बसों को स्टैंड पर खड़ा कर दिया गया है और रेलवे थम गई है, वहीं स्वीडन में गोल्डन ब्रिज बोट के जरिए चीन से आ गया है। स्वीडन में जब यह ब्रिज बनकर तैयार होगा तो यह यहां की एक नई पहचान होगा। यह ब्रिज लगभग पांच सालों में बनकर तैयार होने की संभावना है। गोल्डन ब्रिज के गोल्डन भाग को चीन ने कार्गो षिप के जरिए भेजा है। यह ब्रिज 140 मीटर लंबा होगा। इस ब्रिज को चीन ने दो जनवरी को ही शिप कर दिया था लेकिन तेज हवाएं इसके रास्ते में बाधा बनती रहीं और अब यह मार्च में स्वीडन में पहुंचा है। यह ब्रिज स्वीडन के सोडरमाल्म को गामला स्टेन से जोड़ने का काम करेगा। स्टाॅकहोम में बनने वाले इस ब्रिज से स्थानीय जनता को काफी ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि इससे यहां के ट्रैफिक को कम करने में मदद मिलेगी। वैसे इस ब्रिज के भाग को वैलेंटाइन के मौके पर ही स्टाॅकहोम में पहुंचना था लेकिन बिगड़े हुए मौसम ने इसके रास्ते में बाधा खड़ी करके रख दी। चीन से स्टाॅकहोम तक पहुंचने में इस ब्रिज ने 20 हजार किमी का सफर किया है। जो ब्रिज चीन से तैयार होकर आया है इसका कुछ वनज 3300 टन है। एक बार बन जाने के बाद उम्मीद है कि यह 120 सालों तक स्टाॅकहोम को अपनी सेवाएं देता रहेगा। वर्तमान में स्टाॅकहोम में यातायात की समस्या बढ़ती जा रही है क्योंकि पुरानी व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं, ऐसे में एक नए विकल्प की तलाश में सरकार ने एक नए ब्रिज के बनाए जाने का ऐलान किया है। चीन के बेहतरीन निर्माण की वजह से वहां पर इसका निर्माण कराने का फैसला लिया गया। दुनिया में ऐसे कम ही सप्लायर्स हैं, जो इस तरह के निर्माण कार्य को करते हैं।