सर्दी बढऩे के साथ ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू बढ़ रहा है। हालांकि नए साल में 460 मरीजों की जांच की गई जिसमें से केवल 4 मरीज ही स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आए है। गत वर्ष स्वाइन फ्लू बीमारी ने पूरे साल जमकर कहर बरपाया। सर्दी में होने वाली यह बीमारी गर्मी में भी देखने को मिली। पूरे स्वास्थ्य महकमे को इस बीमारी ने हिलाकर रख दिया। अब इस बार पड़ रही तेज सर्दियों के चलते फिर से स्वाइन फ्लू एच1 एन1 के फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी की रोकथाम को लेकर पिछले सालों में कई प्रयास किए लेकिन अभी तक उनका कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहा है।
जनवरी में अब तक यह है स्वाइन फ्लू की स्थिति
– स्वाइन फ्लू के प्रदेश में लिए 460 सैंपल
– चार मरीजों में आया स्वाइन फ्लू पॉजिटिव
– जयपुर में दो, उदयपुर और कोटा में एक-एक मरीज
– गत वर्ष की तुलना में अभी मरीजों की संख्या है कम
– स्वाइन फ्लू के प्रदेश में लिए 460 सैंपल
– चार मरीजों में आया स्वाइन फ्लू पॉजिटिव
– जयपुर में दो, उदयपुर और कोटा में एक-एक मरीज
– गत वर्ष की तुलना में अभी मरीजों की संख्या है कम
चिकित्सा विभाग की ओर से स्वाइन फ्लू को देखते हुए सघन निरीक्षण अभियान चलाया भी चलाता है। सभी सीएमएचओ को इसकी जिम्मेदारी दी जाती है। इस अभियान के दौरान लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है। इस वर्ष अभी इसका खतरा कम है लेकिन गत वर्ष जनवरी में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने चिकित्सा विभाग के सभी चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों की निर्धारित समय पर स्वास्थ्य केन्द्रों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, साथ ही स्वाइन फ्लू के बढऩे के कारण डॉक्टरों व नर्सिंगकर्मियों के अवकाश भी आगामी आदेशों तक निरस्त करन पड़े।
डेंगू का प्रदेश में यह है हाल
– नए साल में अब तक 38 मरीज आए सामने
– जयपुर में 14 रोगी, किसी की मौत दर्ज नहीं
– बीकानेर में 8, दौसा में तीन मरीज आए सामने
– बारां, बाड़मेर, करौली व कोटा में दो-दो मरीज
– अलवर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर व नागौर में एक-एक मरीज
– नए साल में अब तक 38 मरीज आए सामने
– जयपुर में 14 रोगी, किसी की मौत दर्ज नहीं
– बीकानेर में 8, दौसा में तीन मरीज आए सामने
– बारां, बाड़मेर, करौली व कोटा में दो-दो मरीज
– अलवर, धौलपुर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर व नागौर में एक-एक मरीज
स्वाइन फ्ले के साथ-साथ गत वर्ष डेंगू ने भी कहर बरपाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। प्रदेश के सभी अस्पतालों में डेंगू पीडितों की संख्या काफी बढ़ गई थी जिससे ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की कमी आ गई। नए साल में डेंगू की बात करें तो अब तक कुल 38 मरीज इसके सामने आए हैं और कोई मौत दर्ज नहीं की गई है।