ये मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। अब स्वास्थ्य विभाग इस जांच में जुट गया है कि आखिर भीषण गर्मी में भी स्वाइन फ्लू का वायरस जिंदा कैसे है। वहीं महाराष्ट्र के स्वाइन फ्लू सर्विलेंस अधिकारी ने पुष्टि की है कि स्वाइन फ्लू के वायरस ने अपना स्ट्रेंन बदल लिया है यानि वह अब किसी भी तापमान में जिंदा रह सकता है। अब स्वास्थ्य विभाग ने भी वायरस का सैंपल जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है।
जयपुर में 40 मामले
एक ही महीने में लगभग 40 मामले राजधानी जयुपर में सामने आ चुके हंै। अब अधिकारी फिर से स्वाइन फ्लू के मामलों की समीक्षा कर रहे हैं और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों से राय ले रहे हैं। जयपुर में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 61 तक पहुंच गई है।
वायरस रहेगा 45 डिग्री में भी जिंदा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो जब राजधानी में इस महीने धड़ाधड़ स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए तो आस-पास के राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की गई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वार्ता हुई तो पता चला कि महाराष्ट्र में इस साल स्वाइन फ्लू से सर्वाधिक मौंते हुई हैं।
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महाराष्ट्र के स्वाइन फ्लू सर्विलांस अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बताया कि वायरस की जांच में पता चला है कि स्वाइन फ्लू वायरस अब 45 डिग्री तापमान में भी जिंदा रह सकता है।