गूगल सहित आइबीएम, माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल सहित कुछ अन्य बड़ी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटरों को विकसित करने में जुटी हैं। गूगल ने फिलहाल अपने क्वांटम कंप्यूटर प्रोसेसर साइकामॉर के बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार किया है।
क्वांटम बिट्स को क्यूबिट्स कहते हैं। ये सूचनाओं का जटिल तंत्र होता है। क्वांटम कंप्यूटर ऑन-ऑफ दोनों स्टेट में रहता है। क्वांटम मकैनिक्स एटम (अणु) के पार्टिकल्स (पदार्थ) को सूक्ष्म रूप में तेजी से संचालित करता है। इससे गणना में तेजी आती है।
दशकों से आधुनिक कंप्यूटर बाइनरी कोड पर आधारित होते हैं। इसके बाद क्लासिकल कंप्यूटरों ने जीरो और वन्स पर आधारित बिट्स टेक्नोलॉजी अपनाई। अब क्वांटम कंप्यूटर प्रोसेसर में सुपरपोजीशंस से पार्टिकल्स से गणना को बहुत तेज किया जा सकता है।
क्वांटम टेक्नोलॉजी
भविष्य है…
हैल्थकेयर, कम्युनिकेशन, फाइनेंनशियल सर्विसेज, ट्रांसपोर्ट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में बड़े कार्य होंगे। खतरा भी…
साइबर सुरक्षा को बड़ा खतरा भी है। क्योंकि इससे परंपरागत इंटरनेट सिक्युरिटी प्रोग्राम्स को ब्रेक किया जा सकता है।
क्वांटम प्रोसेसर सुपरकंडेक्टिविटी यानी पूर्ण जीरो डिग्री तापमान पर कार्य करते हैं। तापमान में फर्क से क्यूबिट पर असर।