जयपुर

..सरकार से वार्ता विफल, जारी रहेगी रोडवेज की हड़ताल, उद्योग मंत्री राजपाल ने कहा रोडवेजकर्मी सरकारी कर्मचारी नहींं

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जयपुरOct 05, 2018 / 04:03 am

rohit sharma

जयपुर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अजमेर दौरे से पहले सरकार कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए एकाएक हरकत में आ गई। इसके चलते दो दिन पहले गठित हुई उच्च स्तरीय मंत्री समूह की बैठक कल देर रात एक बजे तक चली। इसमें कर्मचारियों के कई संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया। इनमें सबसे अहम मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ सरकार की वार्ता विफल हो गई। वहीं रोडवेज कर्मचारियों को सरकार ने वार्ता के लिए फिलहाल बुलाया ही नहीं है। ऐसे में लोगों को कर्मचारियों की हड़ताल से अभी भी राहत मिलने के आसार नहीं है।
उधर, रात एक बजे बैठक समाप्त होने के बाद उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने साफ कह दिया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की ग्रेड पे की मांग उचित नहीं है। वहीं राजस्थान रोडवेजकर्मी सरकार के कर्मचारी नहीं है। इसलिए इस बैठक से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की अध्यक्षता में गठित चार मंत्रियों की कमेटी ने कर्मचारियों के पांच संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया।
करीब 50 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त करने के लिए राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज सक्सेना क साथ वार्ता की गई। सक्सेना ने कमेटी के सामने साफतौर पर 3600 ग्रेड पे करने की मांग को पूरा करने के लिए कहा। इस पर मंत्रियों ने वित्त विभाग के अफसरों से रास्ता निकालने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि यदि मंत्रालयिक कर्मचारियों को यह ग्रेड दी गई तो इसके चलते उनके समकक्ष अन्य कर्मचारियों को भी यह लाभ देना पड़ेगा। इससे सरकार पर अधिक आर्थिक भार आएगा।
वित्त विभाग के अधिकारियों की असमर्थता जताने से सक्सेना ने महापड़ाव जारी रखने की घोषणा कर दी। इसके बाद मंत्री समूह ने पंचायती राज, राज्य कर्मचारियों के अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र सिंह, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आयुदान सिंह, गजेन्द्र सिंह समेत कई अन्य कर्मचारी नेताओं से वार्ता की। जहां पंचायती राज कर्मचारी वार्ता से संतुष्ठ नहीं दिखे, वहीं राज्य कर्मचारियों के नेताओं ने वार्ता को ठीकठाक बताया। रात एक बजे बैठक समाप्त हुई।

सरकार से वार्ता विफल रही है। हमारी मांगों पर वित्त विभाग सकारात्मक नहीं है। हमारा महापड़ाव जारी रहेगा। साथ ही अजमेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी समस्या बताने के लिए कर्मचारी जाएंगे।

मनोज सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ
 

बता दें कि रोडवेजकर्मियों की ये हड़ताल को करीब 16 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में सरकार के करोड़ो रुपयों के नुकसान के साथ साथ आमजन को भी बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है। रोडवेजकर्मियों की इस हड़ताल ने ‘हठताल’ का रूप ले लिया है, जिसमें ना तो कर्मचारी झुकने के लिए तैयार हैं और ना ही राज्य की सरकार। ऐसे में सिर्फ और सिर्फ आम जनता को ‘हठताल’ का ख़ामियाजा भुगतना पड़ रहा है। फिलहाल हुई बैठक के बाद भी रोडवेज की हड़ताल खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।
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