आपको बता दें कि कांग्रेस के 152 और भाजपा के 162 टिकट बंटने के साथ ही राज्य में राजनीतिक तूफान आ गया है। दोनों ही दलों के कुछ नेता बगावत पर भी उतारू हैं। इनमें कुछ प्रभावशाली नेता भी पार्टी के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं।
भाजपा में बगावत के चरम पर आने के साथ ही पार्टी ने संभागीय नेताओं को भी अति सक्रिय कर दिया है। उन्हें टिकट कटने से नाराज होकर विरोध पर उतरे नेताओं को संतुष्ट करने का जिम्मा सौंपा गया है। कुछ प्रभावी नेताओं की समझाइश की जिम्मेदारी राज्य के बड़े नेता स्वयं संभाल रहे हैं।