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बडे साहबों का विदेश यात्राओं का टशन,,,सरकार के खजाने को लगा दिया 25 लाख से ज्यादा का चूना

locationजयपुरPublished: Jun 18, 2018 11:25:35 am

Submitted by:

PUNEET SHARMA

बडे साहबों का विदेश यात्राओं का टशन,,,सरकार के खजाने को लगा दिया 25 लाख से ज्यादा का चूना

govt of rajasthan

बडे साहबों का विदेश यात्राओं का टशन,,,सरकार के खजाने को लगा दिया 25 लाख से ज्यादा का चूना

बडे साहबों का विदेश यात्राओं का टशन,,,सरकार के खजाने को लगा दिया 25 लाख से ज्यादा का चूना

सरकार बनते ही जहां सरकारी खर्च पर विदेश दौरे करने से पीछे नहीं रहते हैं वहीं मंत्रियों के नक्शे कदम पर चलते हुए राजस्थान की नौकरशाही भी प्रशिक्षण के नाम पर सरकारी खर्च पर विदेशों के दौरे करने में पीछे नहीं रहती है। यह अलग बात है कि साहबों के प्रशिक्षण के नाम पर खर्च के बाद प्रशिक्षण का फायदा कितना तो विभाग को मिलेगा और कितना प्रदेश की जनता को। क्योंकि जिस विभाग से संबधित साहब ने प्रशिक्षण लिया उस प्रशिक्षण से लौटने के बाद साहबों का तबादला दूसरे विभागों में कर दिया जाता है जहां उस प्रशिक्षण का कोई महत्व नहीं रह रह जाता है। वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक सरकार ने नौकरशाही के रिसर्जेंट राजस्थान और प्रशिक्षण के नाम पर हुए विदेश दौरों पर 25 लाख रुपए खर्च किए।
61 अफसरों ने की विदेश यात्राएं
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक 61 आईएएस अफसरों ने प्रशिक्षण व अन्य कार्यों के चलते विदेश यात्राएं की। कई अफसर तो ऐसे हैं जिन्होंने बीते तीन सालों में विदेश यात्राओं का रिकार्ड ही बना डाला। जानकारों की माने तो बडे साहब सरकारी खर्च पर तीन से चार दिन के प्रशिक्षण के नाम पर विदेश दौरो में ज्यादा दिलचस्पी रखते है। अफसरों की ज्यादातर विदेश यात्राएं ऐसी ही हुई है।
सरकार ने किए 25 लाख रुपए खर्च
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक 61 आईएएस अफसरों की प्रशिक्षण के नाम पर विदेश यात्राओं पर 25 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए। आला अफसरों की विदेश यात्राओं पर 40 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक सरकारी खजाने से खर्च हुए।
सबसे ज्यादा आठ बार विदेश दौरे उद्योग विभाग में रहते हुए वीनू गुप्ता ने किए। वहीं मौजूदा मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने भी

आईएस अफसरों की विदेश यात्राओं पर नजर डाले तो सबसे ज्यादा दौरे उद्योग विभाग में रहते हुए आईएएस वीनू गुप्ता ने किए। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकेश शर्मा ने चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग में रहते हुए पुर्तगाल में कैंसर चिकित्सा और तंजानिया की स्वास्थ्य सेवाओं को देखने गए। लेकिन अब वे वित्त विभाग में तैनात हैं तो उनकी दोनों ही विदेश यात्राओं का फायदा चिकित्सा विभाग को कितना मिलेगा यह सबके सामने है।
बडा सवाल—दौरों का फायदा किसको
असल में विभागों के प्रमुख सचिव,सचिव विभाग में रहने के दौरान नई तकनीकों की जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के खर्च पर विदेशों में तीन से सात दिन के प्रशिक्षण पर जाते हैं जिससे प्रदेश में आम जनता के हित में बेहतर काम हो सके। लेकिन इन प्रशिक्षणों का फायदा आज तक न तो विभाग को मिला और न ही जनता को। क्योंकि अमूमन अधिकारी के प्रशिक्षण से आते ही उसका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया जाता है जहां लिए गए प्रशिक्षण की कोई ज्यादा उपयोगिता नहीं रहती है।
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