जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक 61 आईएएस अफसरों ने प्रशिक्षण व अन्य कार्यों के चलते विदेश यात्राएं की। कई अफसर तो ऐसे हैं जिन्होंने बीते तीन सालों में विदेश यात्राओं का रिकार्ड ही बना डाला। जानकारों की माने तो बडे साहब सरकारी खर्च पर तीन से चार दिन के प्रशिक्षण के नाम पर विदेश दौरो में ज्यादा दिलचस्पी रखते है। अफसरों की ज्यादातर विदेश यात्राएं ऐसी ही हुई है।
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक 61 आईएएस अफसरों की प्रशिक्षण के नाम पर विदेश यात्राओं पर 25 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए। आला अफसरों की विदेश यात्राओं पर 40 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक सरकारी खजाने से खर्च हुए।
असल में विभागों के प्रमुख सचिव,सचिव विभाग में रहने के दौरान नई तकनीकों की जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के खर्च पर विदेशों में तीन से सात दिन के प्रशिक्षण पर जाते हैं जिससे प्रदेश में आम जनता के हित में बेहतर काम हो सके। लेकिन इन प्रशिक्षणों का फायदा आज तक न तो विभाग को मिला और न ही जनता को। क्योंकि अमूमन अधिकारी के प्रशिक्षण से आते ही उसका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया जाता है जहां लिए गए प्रशिक्षण की कोई ज्यादा उपयोगिता नहीं रहती है।