टास्क फोर्स ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में टेक्सटाइल उद्योग को प्रोत्साहन, रीको व आरएफसी की ऋण किश्तों में ब्याज छूट व समयावधि बढ़ोतरी, उद्योगों के विद्युत शुल्क की माफी, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के लाभ का दायरा बढ़ाते हुए पर्यटन क्षेत्र को भी राहत, राज्य जीएसटी में छूट, पर्यटक इकाइयों के कर्मियों, गाइड़ों एवं महावतों को तीन माह का निर्वाह भत्ता, उद्योगों के लंबित भुगतान के निस्तारण हेतु चार के स्थान पर 9 सुविधा परिषदों का गठन, एमएसएमई इकाइयों के समयवद्ध भुगतान की मोनेटरिंग, सरकारी खरीद प्रावधानों की क्रियान्विति सुनिश्चिती, सिंगल विण्डों सिस्टम को प्रभावी बनाने अनुशंषा केे प्रस्ताव मुख्य सचिव को दिए हैं। इनमें मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना में अनुदानित ब्याज पर आधे प्रतिशत अनुदान की बढ़ोतरी, 10 एकड़ तक कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए भू संपरिवर्तन की छूट की भी अनुशंषा की है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं एमएसएमई टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में इकाईयों के लंबित अनुदान की राशि का भुगतान आगामी 2 माह में करने पर अतिरिक्त 600 करोड़ रूपए का भार पड़ेगा। इसमें 400 करोड़ रूपए वाणिज्यिक कर विभाग को पात्र इकाईयों के निवेश व रोजगार सृजन अनुदान और 175 करोड़ रूपए उद्योग विभाग को पात्र इकाईयों के नकद अनुदान के भुगतान का भार पड़ेगा। टेक्सटाईल क्षेत्र की वर्तमान में पात्र इकाईयां के लंबित ब्याज अनुदान की राशि का भुगतान आगामी 2 माह में करने पर 125 करोड़ रु. का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2003, 2010, 2014, 2019 के अन्तर्गत लाभ अवधि में वृद्धि, कस्टमाईज्ड पैकेज में शिथिलता, टेक्सटाईल एवं अन्य उद्योगों के लिए विशेष पैकेज एवं त्वरित भुगतान किया जाएगा।