जयपुर

organic food: स्वाद के शौकीन मांगें ऑर्गेनिक फूड

खान-पान के शौकीन लोग अब जायके के साथ सेहत ( health food ) को भी खासी तवज्जों देने लगे है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर में ऑर्गेनिक खेती ( organic farmers ) करने वालों और ऑर्गेनिक उत्पाद खरीदने वालों की संख्या में पिछले कुछ सालों में कई गुना इजाफा हुआ है। यही नहीं, कोरोनाकाल ( Corona period ) में भी इनकी संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

जयपुरOct 17, 2021 / 08:39 am

Narendra Singh Solanki

organic food: स्वाद के शौकीन मांगें ऑर्गेनिक फूड

खान-पान के शौकीन लोग अब जायके के साथ सेहत को भी खासी तवज्जों देने लगे है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर में ऑर्गेनिक खेती करने वालों और ऑर्गेनिक उत्पाद खरीदने वालों की संख्या में पिछले कुछ सालों में कई गुना इजाफा हुआ है। यही नहीं, कोरोनाकाल में भी इनकी संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
शहर में ऑर्गेनिक उत्पाद को इतना पसंद किया जा रहा है कि पूरे राजस्थान में इनके स्टोर खुलना शुरू हो गए है और राज्य के कृषक भी जैविक कृषि उत्पाद बेचने शहरों में आने लगे हैं। ऑर्गेनिक उत्पादों में शहर में सर्वाधिक सब्जी और दालों की मांग है और इसके बाद गेहूं और चना खरीदा-बेचा और बोया जा रहा है।
ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का बढ़ता बाजार
शहर में ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का बाजार बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में कृषक अपने स्तर पर ऑर्गेनिक उत्पाद बेच रहे हैं। साथ ही स्टोर्स के माध्यम से भी ऑर्गेनिक उत्पादों की खरीदी-बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है। शहर में वर्तमान में 20 से अधिक ऐसे स्टोर्स हैं जहां केवल आर्गेनिक उत्पाद ही बेचा जा रहा है। सामान्य से आर्गेनिक उत्पाद की कीमत में डेढ़ से दो गुना तक इजाफा होने के बाद भी लोग इसे खरीद रहे हैं।
मिल रही है सफलता
ऑर्गेनिक खेती को लेकर कृषकों में रूचि बढ़ी है और छोटे किसान इसमें ज्यादा सफल भी हो रहे हैं। विगत 2-3 वर्षों में ऑर्गेनिक खेती करने वालों की संख्या 5 से 6 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि ऑर्गेनिक उत्पाद की मांग में दो वर्षों में करीब डेढ़ से दो गुना बढ़त हुई है। किसान ऑर्गेनिक खेती में सब्जी, गेहूं, चना, दालें, हल्दी और अदरक की खेती प्रमुखता से कर रहे हैं।
डेढ़ गुना हुई वृद्धि
विगत डेढ़ से दो वर्ष में ऑर्गेनिक उत्पाद की मांग में डेढ़ गुना वृद्धि हुई है। एक वक्त था जब मांग कम और उत्पादकता ज्यादा थी। वर्तमान में मांग और आपूर्ति समान है। आने वाले वक्त में इन दोनों में बढ़त की संभावना है।
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