Tea business: चाय पीते हुए आया चाय के बिजनेस का आइडिया
भारत में यदि पानी के अलावा किसी और पेय पदार्थ का सबसे अधिक सेवन किया जाता है तो वो है चाय ( Tea business )। चाय..भारतीयों की संस्कृति से जुड़ी है और लगभग हर वर्ग-आयु के लिए पसंदीदा पेय के रूप में देखी जाती है।
जयपुर
Published: April 21, 2022 09:36:09 pm
भारत में यदि पानी के अलावा किसी और पेय पदार्थ का सबसे अधिक सेवन किया जाता है तो वो है चाय। चाय..भारतीयों की संस्कृति से जुड़ी है और लगभग हर वर्ग-आयु के लिए पसंदीदा पेय के रूप में देखी जाती है। एक अनधिकारी फैक्ट ये भी है कि देश में सफल होने वाले 60 फीसदी से अधिक बिज़नेस आइडियाज, चाय के टपरों या दुकानों पर, चाय की चुस्कियों के साथ ही जन्म लेते हैं। हालांकि कई ग्लास में चाय खत्म होने के साथ ही दम तोड़ देते हैं तो कुछ दुनियाभर के लिए मिसाल बन जाते हैं। साल 2013 में ऐसा ही एक आईडिया मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी शशांक शर्मा के दिमाग में आया। 22 वर्षीय शशांक ने चाय का स्वाद लेते हुए, चाय को ही व्यवसाय बनाने का मन बनाया और देश और फिर विदेशों तक स्वदेशी ब्रांड की खुशबु पहुंचा दी। साथ ही देश के सैकड़ों नौजवानों को चाय-फ्रेंचाइज बिजनेस में आने व चाय को सफल कारोबार बनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
लगभग एक दशक पहले जब चाय का मतलब किसी गुमटी, ठेले, टपरे या पेड़ के नीचे चल रही दुकानों से हुआ करता था। तब ढाई रुपए की कटिंग और पांच रुपए की फुल कप चाय मिला करती थी और बिल्डिंगों में बने कैफेजे को केवल हाई क्लास कॉफी मीटिंग्स की कैटेगरी में गिना जाता था। जहां किफायती दरों पर चाय पीने का आदी एक आम आदमी, खास मौकों पर भी जाने से कतराता था। ऐसे माहौल में एक ऐसे कैफे को जमीन पर लाना, जहां लाइट म्यूजिक में, खूबसूरत एक्सटीरियर-इंटीरियर के साथ टेबल सिटिंग की व्यवस्था हो। चाय के साथ कुछ खाने की इच्छा जग जाए तो पिज्जा, हॉट डॉग, सैंडविच या मैगी जैसे ऑप्शंस भी तैयार मिलते हों।
द टी फैक्ट्री कैफ़े के मालिक शशांक शर्मा का कहना है कि आईडिया बेहद शानदार था और प्रैक्टिक भी लग रहा था, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इसे लोगों तक पहुंचाने की थी, यानी प्रमोशन की और ये विज्ञापन नाम का शब्द 2012-13 के दौरान काफी खर्चीला सौदा हुआ करता था, जिसे मोटी रकम वालों के बाबत ही समझा जाता था। सीमित और नियमित संसाधनों के दौर से निकलकर आज के डिजिटल वर्ल्ड में आना और इस बीच खुद को एक चुनौतीपूर्ण मार्केट प्लेस में बनाए रखना, किसी भी बिजनेस की सबसे बड़ी उपलब्धि आंकी जा सकती है। वर्तमान में देश में संचालित लगभग सभी चाय कैफे, शशांक के द टी फैक्ट्री आइडिया से ही इंस्पायर्ड हैं। प्रेरणा का विषय ये भी है कि उन्होंने अपने आइडिया को अपनी शुरुआती प्लानिंग के मुताबिक ओवरसीज मार्केट में तब्दील करने में भी उपलब्धि हासिल की है। वर्तमान में दुनियाभर में द टी फैक्ट्री की 161 से अधिक चाय फ्रेंचाइजी आउटलेट्स संचालित हो रही हैं, जिनमें देश के अंदर जम्मू, बैंगलोर, हरिद्वार, होशंगाबाद, भरूच, मोहाली, अहमदाबाद, मथुरा, इंदौर और बीकानेर जैसे शहरों में द टी फैक्ट्री फ्रेंचाइजी सफल संचालन जारी है। वहीं पड़ोसी देश नेपाल समेत सऊदी, शारजहां जैसे गल्फ देशों में भी फ्रेंचाइजी है।

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