scriptचाय के उत्पादन में 80 मिलियन किलो की गिरावट, कीमत में होगी वृद्धि | Tea production falls by 80 million kg, price will increase | Patrika News

चाय के उत्पादन में 80 मिलियन किलो की गिरावट, कीमत में होगी वृद्धि

locationजयपुरPublished: May 26, 2020 05:16:38 pm

कोलकाता। कोविड-19 ( covid-19 ) के संक्रमण के चलते देशभर मे घोषित लॉकडाउन ( lockdown ) के कारण चाय बागान ( tea estates ) में उत्पादन कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। उद्योग के अनुमान अनुसार लॉकडाउन के कारण देश में चाय उत्पादन में 80 मिलियन किलो की कमी होने से इसकी लागत में प्रति किलो 60 से 70 रुपए तक बढ़ोतरी हुई है। अखिल भारतीय चाय व्यापारी संघ (फेटा) ( All India Tea Traders Association ) के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि भारत में चाय का वार्षिक उत्पादन ( tea production ) लगभग 1300 मिलियन किलोग्र

चाय के उत्पादन में 80 मिलियन किलो की गिरावट, कीमत में होगी वृद्धि

चाय के उत्पादन में 80 मिलियन किलो की गिरावट, कीमत में होगी वृद्धि

व्यापारी संघ ने देश में चाय उत्पादन, आपूर्ति के साथ-साथ चाय की मांग पर लॉकडाउन के प्रभावों का विस्तृत मूल्यांकन किया है। भारत में एक वर्ष में चाय की खपत लगभग 1080 मिलियन किग्रा है यानी एक महीने में चाय का उपभोग लगभग 90 मिलियन किलोग्राम है। घर के बाहर चाय के स्टॉल, रेस्तरां, कैफे, होटल, कार्यालयों और उद्योगों में चाय की खपत लगभग 40 प्रतिशत है यानी प्रति माह 36 मिलियन किलोग्राम चाय का उपभोग होता है। लॉकडाउन के कारण यह सभी छोटे-बड़े प्रतिष्ठान दो महीनों के लिए बंद थे, जिससे चाय की खपत में 70 मिलियन किलोग्राम से अधिक की गिरावट दर्ज हुई।
शाह ने कहा कि खुदरा बाजार में काम करने वाले चाय पैकर्स का बिक्री का डाटा घर के बाहर चाय की खपत में गिरावट की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान चाय की घरेलू खपत बढ़ी होगी, लेकिन घर के बाहर की खपत में गिरावट की भरपाई के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
फेडरेशन ने कहा कि, मौजूदा हालात के कारण चाय की कीमतें पिछले साल की तुलना में अधिक हो सकती है लेकिन फार्म गेट कीमत (उत्पाद की शुद्ध कीमत) में प्रति किलो 60-70 रुपये की औसत वृद्धि वास्तविक मांग-आपूर्ति परिदृश्य को प्रतिबिंबित नहीं करती है। शाह ने आगे कहा कि ,चाय के लिए तर्कहीन दलील अनुचित है क्योंकि बाजार की गतिशीलता किसी भी महत्वपूर्ण आपूर्ति व मांग के असंतुलन को प्रतिबिंबित नहीं करती। मांग और आपूर्ति बड़े पैमाने पर संतुलन में हैं।
फेडरेशन ने कहा कि चाय की उत्पादन लागत बढ़ी है और देशभर में लॉकडाउन के कारण नौकरी छूटने वेतन में कटौती और श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन के कारण कीमतों में बढ़ोतरी चाय के पैकर्स और खुदरा विक्रेताओं के लिए बड़ी बाधा हैं। शाह ने कहा कि भारत के अधिकांश घरों में चाय मुख्य पेय है लेकिन प्राप्य आय में गिरावट से इसकी खपत प्रभावित हुई है। लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की आर्थिक कठिनाइयां बढ़ी है और बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए चाय की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी इसकी मांग को प्रभावित कर सकती है। इसके कारण चाय के पैकेट और खुदरा विक्रेता बेहद मुश्किल स्थिति में आ गए है।
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