हालांकि शिक्षक मुख्यमंत्री की घोषणाओं से शिक्षक खुश तो हुए। लेकिन उनके मन में एक नाराजगी भी रही। जिस सम्मान को लेने के लिए वे दूरदराज से यहां आए थे, वो सम्मान उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों नहीं मिल सका। समारोह की शुरूआत के दौरान ही उन्हें प्रशस्ति पत्र एवं शॉल दे दिया गया। हालांकि शिक्षकों ने खुलकर इसका विरोध तो नहीं किया, लेकिन वे बात करते रहे कि जब भामाशाहों को मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान मिलता है तो शिक्षकों को भी उन्हें ही सम्मानित करना चाहिए। बिड़ला सभागार में आयोजित समारोह में कुल 109 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।