सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में 5 में से तीन तबादले दूसरे जिलों में किए गए हैं। 2 तबादले तो भीलवाड़ा में ही किए गए हैं, तीन अन्य राजसमंद, अजमेर और भरतपुर में किए गए हैं। इन आदेशों में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गंगापुर भीलवाड़ा से धर्मवीर जाट को अगरपुरा भीलवाड़ा लगाया गया है। नाथू खटीक को कोटडी भीलवाड़ा से चौधरियास भीलवाड़ा किया गया है। सुनीता बैरवा का तबादला राजकीय प्राथमिक विद्यालय शाहपुरा भीलवाड़ा से राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंदिराज राजसमंद किया है। किशन रेगर को जहाजपुर भीलवाड़ा से बदला अजमेर में स्थानान्तरित किया गया है। इसी प्रकार यदुराज सिंह को कोटड़ी भीलवाड़ा से झारोली भरतपुर स्थानान्तरित किया गया है।
निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने 16 मई को एक आदेश जारी कर बताया कि 5 शिक्षकों के तबादले का यह आदेश फर्जी है। यह किसी अवांछित व्यक्ति ने जारी किया है। इस आदेश को बनाने वाले व वायरल करने वालों के खिलाफ विभाग ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि सरकार ने चुनावी वर्ष होने की वजह से इस बार तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों से भी बैन हटाया है। सरकार और शिक्षा विभाग ने बैन हटने के साथ ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों से आॅनलाइन और आॅफलाइन आवेदन मांगे। इसके बाद प्रदेशभर के करीब 60 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किया। जयपुर में इसके लिए 30 अप्रेल से 11 मई तक कैंप भी लगे। सूचियां भी तैयार हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग और पंचायतीराज विभाग के बीच तालमेल नहीं होने से सूचियों पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, जिससे मामला अटका हुआ है।
फर्जी आदेश वायरल होने का मैसेज मिलते ही हमने बीकानेर एसपी को इस संबंध में कार्रवाई करने को लिखा है। मामला भीलवाड़ा से संबंधित है, इसलिए भीलवाड़ा डीईओ को भी कहा कि एफआईआर दर्ज कराएं।
श्याम सिंह राजपुरोहित, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा