scriptतबादलों के बाद नहीं किया कार्यग्रहण, अब विभाग करेगा कार्रवाई | Teachers Transfer | Patrika News

तबादलों के बाद नहीं किया कार्यग्रहण, अब विभाग करेगा कार्रवाई

locationजयपुरPublished: Nov 06, 2019 08:22:02 am

Submitted by:

MOHIT SHARMA

शिक्षा विभाग ने इसे माना गंभीर लापरवाही, प्रिंसिपल और व्याख्याताओं का है मामला, 371 प्रिंसिपल ने नहीं किया कार्यग्रहण

Teachers Transfer
जयपुर। सरकार और शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों जमकर तबादले किए। तबादलों के लिए शिक्षकों से पहली बार आॅनलाइन आवेदन मांगे गए, शिक्षामंत्री दावा करते रहे कि तबादले पूरी पारदर्शिता के साथ किए हैं, लेकिन फिर भी बहुत से शिक्षक ऐसे हैं, जिनके तबादले प्रशासनिक आधार पर या अन्यत्र किए गए। अब ऐसे शिक्षक स्कूलों में कार्यग्रहण नहीं कर रहे हैं। शिक्षकों के कार्यग्रहण नहीं करने से विद्यार्थियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि प्रदेश में ऐसे बहुत से प्रिंसिपल और व्याख्याता हैं जो तबादलों से खुश नहीं हैं। उन्होंने अभी तक कार्यग्रहण ही नहीं किया है।
होगी कार्रवाई
ऐसे प्रधानाचार्य और व्याख्याता जो स्थानान्तरण आदेशों के बाद विद्यालयों से कार्यमुक्त तो हो गए, लेकिन स्थानान्तरित विद्यालयों में कार्यग्रहण नहीं किया है। अब विभाग ऐसे अधिकारियों के विरूदृध सीसीए—17 की कार्रवाई करेगा।
371 प्रिंसिपल ऐसे हैं, जिन्होंने अभी कार्यग्रहण नहीं किया है। इसके सथ ही रसायन विज्ञान के 17, जीव विज्ञान के 18 और गृह विज्ञान के तीन व्याख्याता भी हैं, जिन्होंने कार्यग्रहण नहीं किया है। अन्य शिक्षकों की विभाग सूची तैयार कर रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक कार्मिक नूतनबाला कपिला ने बताया कि जो शिक्षक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे हैं वह विभागाध्यक्ष के आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है। इस मामले को विभाग ने गंभीरता से लिया है। अब ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सीसीए 17 में अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, जिसकी जिम्मेदारी उनकी स्वयं की होगी। अब ऐसे शिक्षकों की जानकारी उन्होंने 8 नवम्बर तक विभागीय जांच अनुभाग के अनुभाग अधिकारी से मांगी है।
पढ़ाई हो रही प्रभावित
शिक्षकों के कार्यग्रहण नहीं करने से स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। करीब एक महीने से अधिक हो गया और इन शिक्षकों ने अभी तक नए स्थान पर कार्यग्रहण नहीं किया है। जबकि दिसम्बर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। प्रिंसिपल और व्याख्याताओं के नहीं होने से बोर्ड परीक्षाओं के विद्यार्थियों को परेशानी अधिक हो रही है।

ट्रेंडिंग वीडियो