ऑनलाइन गेम के चलते राजस्थान में भी कई बच्चों की जान जा चुकी है। यहां तक की एक किशोर ने ने अपने चचेरे मासूम भाई की हत्या तक कर दी और चार दिन तक शव को छिपाकर अपहरणकर्ता बनकर परिजनों से 5 लाख रुपए की फिरौती की रकम मांगी थी। बाद में पुलिस ने आरोपी को तकनीकी आधार पर पकड़ा।
बताया जाता है कि राजस्थान में सबसे पहले कोटा में ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान एक बच्चे ने फंदे से लटककर जान दे दी थी। इसी वर्ष मार्च में चित्तौडग़ढ़ में एक किशोर ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान मोबाइल बंद हो जाने पर पागलों जैसी हरकत करने लग गया। प्रदेश में ऑनलाइन गेम कैसे जान पर भारी पड़ रहा है।
पबजी गेम के चलते लगाई फांसी जयपुर के सोडाला में वर्ष 2021 में एक नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नाबालिग को पबजी गेम खेलने की लत थी। इसके लिए पिता से खुद के जन्मदिन पर मोबाइल फोन दिलाने की मांग कर रहा था। पिता ने फोन दिलाने से इनकार किया तो नाबालिग ने अपनी जान दे दी।
ऑनलाइन गेम खेलते हुए फांसी लगा ली वर्ष 2019 में कोटा के 12 साल वर्षीय एक बालक ने मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलते हुए फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के समय बालक कमरे में अकेला ही था।
ऑनलाइन गेम खेलने पर कर्जा हुआ, चचेरे भाई की कर दी हत्या वर्ष 2021 में नागौर में 16 साल के नाबालिग को ‘पबजी’ और फ्री फायर’ लत में अपने 12 साल के चचेरे भाई की गला दबा हत्या करने के आरोप में डिटेन किया गया। बड़ी बात यह है आरोपी नाबालिग ने सिर्फ अपने चेचरे भाई की हत्या ही नहीं की। ऑनलाइन गेम में हारने पर कर्जा हो गया था। तब साजिश रचकर चचेरे भाई की हत्या की और अपहरणकर्ता बनकर चाचा से 4 दिन तक 5 लाख रुपए फिरौती भी मांगता रहा।
गेम खेलने के दौरान मोबाइल बंद, तबीयत बिगड़ी चित्तौडग़ढ़ में इसी वर्ष ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान अचानक मोबाइल बंद होने पर 22 वर्षीय इरफान अंसारी पागलों जैसी हरकत करने लगा। बिहार से इरफान के परिजनों को बुलाकर उनके सुपुर्द किया।