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जयपुर

गोशाला के बछड़ों के हिस्से का दूध पी रहे तहसीलदार

जिले की सबसे बड़ी सरकारी अर्बुदा गोशाला का सच, जिसके जिम्मे गायों की जिम्मेदारी, वे ही गटक रहे दूध

जयपुरMay 26, 2020 / 05:15 pm

jagdish paraliya

Tehsildars feeding part of the calves of Goshala

The truth of the largest governmental Arbuda Gaushala in the district, the responsibility of the cows, they are milking milk

सिरोही. भीषण गर्मी और लॉक डाउन में जहां गायों के चारे-पानी का इंतजाम करना तक मुश्किल हो रहा है। वहीं कुछ अफसर सरकारी गोशाला से मुफ्त में बछड़ों के हिस्से का दूध गटक रहे हैं। सिरोही जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अर्बुदा गोशाला में दूध बेचने की मनाही है, यहां दूध बछड़ों को पिलाने का प्रावधान है। लेकिन, सुबह-शाम यहां से दूध तहसीलदार आवास पर पहुंचाया जा रहा है। इस गोशाला के अध्यक्ष जिला कलक्टर और तहसीलदार खुद सचिव हैं। पत्रिका ने स्टिंग कर इसका खुलासा किया है। दूसरी तरफ कड़वी हकीकत यह है कि पिछले दो महीनों में ही इस सरकारी गोशाला में 10 से अधिक बछड़ों ने दम तोड़ा है और कई बछड़े कमजोर हालात में है।
चौकीदार के बेटे से बातचीत के अंश
सवाल: बड़े बर्तन में ये दूध किसके लिए जा रहे हो?
तहसीलदार साहब के लिए…
सवाल: कितना दूध है अन्दर
मुझे नहीं पता कि कितना दूध है। गोशाला से इस बर्तन को भरकर देते हैं और मैं ले जाकर तहसीलदार साहब के घर छोड़ आता हूं।
ग्वाला गणेशाराम देवासी से बातचीत
सवाल: अर्बुदा गोशाला से तहसीलदार के घर कितना दूध जाता है
ग्वाला: पीने के लिए ले जाते हैं…सुबह साढ़े तीन लीटर और शाम को दो लीटर
पत्रिका: रोज जाता है इतना दूध
ग्वाला: हां, रोज जाता है
कर्मचारी गोवाराम से बातचीत
सवाल: यहां से किस किसके घर पर दूध जाता है
कर्मचारी: तहसीलदार साहब के लिए जाता है बस…
पत्रिका: रोज कितना दूध जाता है..
कर्मचारी: बड़ा टिफिन भरकर ले जाते हैं….
ये बोला चौकीदार
मैं गोशाला में चौकीदार हूं और फिलहाल ड्यूटी जोड पर है लेकिन मैं अभी तहसीलदार जी के यहां हूं। गोशाला का कोई काम हो तो वहां के मुनीम जगदीश से बात कर लो ….. (जैसा फोन पर वनाराम ने बताया )
एक नजर आंकड़ों पर
720 गोवंश हैं अर्बुदा गोशाला में
585 बड़े और 135 बछड़े
45 से 50 दुधारू पशु
10 बछड़ों की दो महीनों में मौत
15,67800 रुपए अनुदान मिला (दो महीने का )

चार महीने से लॉकडाउन चल रहा है। इसलिए अभी गोशाला का चौकीदार वनाराम मेरे घर पर काम नहीं करता है। चौकीदार का बेटा दूध लेकर आता है। वह गोशाला से नहीं, दूसरी जगह से लाता है
प्रवीण रत्नू, तहसीलदार, सिरोही

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