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मवेशी परिवहन के मौजूदा कानून पशु कल्याण विरोधी

locationजयपुरPublished: Feb 16, 2020 01:09:55 am

Submitted by:

anoop singh

तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका: केंद्रीय परिवहन मंत्रालय व तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी

मवेशी परिवहन के मौजूदा कानून पशु कल्याण विरोधी

मवेशी परिवहन के मौजूदा कानून पशु कल्याण विरोधी

नई दिल्ली.
ऑल इंडिया जमितुल कुरैश एक्शन कमेटी ने मवेशी परिवहन के मौजूदा कानून के कुछ प्रावधानों को पशु कल्याण विरोधी बताते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने याचिका पर प्रसंज्ञान लेते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय और तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी किए हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को निर्धारित की गई है।
इन कानूनों को चुनौती
– केंद्रीय मोटरयान कानून 1989, 125 ई
– तेलंगाना मोटरयान कानून 1989, 253

ये है मौजूदा कानून
– मवेशियों का परिवहन करने वाले वाहनों में पृथक स्थायी विभाजन हों
याचिका में कहा: वाहन में इस प्रकार का स्थायी विभाजन करना व्यावहारिक नहीं है। क्योंकि विभाजन का बहुत बड़ा आकार होने के कारध परिवहन के दौरान मवेशियों को चोट लगने की आशंका रहती है। पृथक परिवहन पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के विरुद्ध है। पशु चिकित्सकों के अनुसार मवेशियों का पृथक परिवहन पशु कल्याण के सिद्धांतों के विपरीत है। मवेशी छोटे समूहों में एक साथ रहना पसंद करते हैं।
ये है मौजूदा कानून
– मवेशियों का परिवहन करने वाले वाहनों को अन्य सामान ले जाने की अनुमति नहीं
याचिका में कहा: ये प्रावधान कानून विरुद्ध है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सभी को आजीविका का अधिकार है। देखने में आता है कि मवेशी व्यापारी एक तरफा परिवहन के बाद लौटते समय वाहन में कुछ सामान लाता है जिससे कि उसका खर्चा निकल सके।
ये है मौजूदा कानून
– धार्मिक कारणों से मवेशियों की खरीद-फरोख्त
याचिका में कहा: संविधान के अनुच्देद 25 प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन।

ये है मौजूदा कानून
– मांस की ब्रिकी के व्यापार पर प्रतिबंध
याचिका में कहा: ये संविधान के अनुच्छेद 19(आइ),(जी)के तहत व्यापार की स्वतंत्रता का उल्लंघन। ये प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत खाने का अधिकार, निजता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन भी है।

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