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CM House के पास जर्जर टंकी ध्वस्त करने का Tender

locationजयपुरPublished: Dec 23, 2019 01:37:21 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

#जर्जर टंकी

CM House के पास जर्जर टंकी ध्वस्त करने का Tender

CM House के पास जर्जर टंकी ध्वस्त करने का Tender

जयपुर। मुख्यमंत्री आवास के पास, सिविल लाइन्स रेलवे फाटक से सटी शहर की सबसे पुरानी पानी टंकी को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जलदाय विभाग टंकी हटाने की निविदा जारी कर रहा है और अगले माह सात जनवरी को फर्म के चयन की कार्रवाई पूरी होने के बाद टंकी हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सिविल लाइन्स उपखंड सहायक अभियंता विशाल सक्सेना ने बताया कि जर्जर टंकी हटाने का काम जल्द शुरू होगा।सार्वजनिक सूचना प्रकाशित होने के बाद आगामी सात जनवरी को टेंडर खोलेे जाएंगे और न्यूनतम दर डालने वाली फर्म का चयन कर वर्क आॅर्डर जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने पूर्व में सिविल लाइन्स स्थित जर्जर ओवरहैड टैंक को हटाने को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जर्जर टंकी से ही जलदाय विभाग 30 नवंबर तक सिविल लाइन क्षेत्र में रूटीन जलापूर्ति करता रहा है। विभाग को टंकी हटाने की टेंडर प्रक्रिया से पहले जिला कलक्टर ने स्वीकृति बीते दस दिसंबर को जारी कर दी है। अगले महीने टंकी हटाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
52 साल की लाइफ के बाद सीएम आवास के पास बनी पानी की टंकी होगी जमींदोज
इस टंकी से मुख्यमंत्री, राज्यपाल आवास से लेकर मंत्रियों के सरकारी बंगलों में पेयजल सप्लाई की जाती रही है। यह टंकी सीएम हाउस से करीब 150 मीटर दूरी पर ही है और इसकी निर्धारित लाइफ पूरी हो चुकी है। कई जगह से जर्जर हालत भी हैं। एमएनआईटी (मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलोजी) की जांच में भी इसके हटाने की जरूरत जताई गई।।
पहली टंकी, जो 3 बार भरी जाती है..
इस टंकी क्षमता 4.50 लाख लीटर है, जिसे दिन में तीन बार भरा जाता है। इसे हर दिन 13.50 लाख लीटर पेयजल सप्लाई की जा रही है। पहली टंकी है जो दिन में तीन बार भरी जा रही है। यहां से मैसूर हाउस, बरवाड़ा हाउस, अचरोल हाउस में भी सप्लाई जा रही है। अभी यहां दो भूमिगत टैंक है। एक 3 लाख लीटर और दूसरा 2.50 लीटर क्षमता का है। दोनों को एक साथ मैनेज करने में दिक्कत आ रही है टंकी के पास ही भूमिगत टैंक बनाने का प्रस्ताव है।

फैक्ट फाइल…
-वर्ष 1965 में शुरू हुआ था टंकी का निर्माण
-वर्ष 1967 में निर्माण पूरा हुआ था
-7.47 लाख रुपए की वित्तीय-प्रशासनिक स्वीकृति मिली है
-6.35 लाख रुपए की तकनीकी स्वीकृति जारी की गई
-पहली टंकी है जब जलदाय विभाग अस्तित्व में आया
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