scriptराजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को झटका, राहत का बढ़ा इंतजार | Term of salary Dispute Redressal Committee extended till 8 August | Patrika News

राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को झटका, राहत का बढ़ा इंतजार

locationजयपुरPublished: May 10, 2018 12:45:28 pm

Submitted by:

santosh

राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को झटका लगा है। अब उनको राहत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

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जयपुर। राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस डी.सी. सामंत की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति निवारण समिति का कार्यकाल 8 अगस्त तक बढ़ा दिया है। कमेटी की मियाद चौथी बार बढ़ाई गई है। इससे कर्मचारियों को झटका लगा है। अब उनको राहत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश बढऩे की भी संभावना है।
कई दौर की चर्चा
प्रशासनिक सुधार विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. प्रेम सिंह चारण ने राज्यपाल की आज्ञा से आदेश जारी कर सामंत कमेटी का कार्यकाल 8 अगस्त, 2018 तक बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की है। गौरतलब है कि सामंत कमेटी के पास सातवें वेतन आयोग संबंधी वेतन विसंगतियों के साथ कर्मचारी संगठनों से सरकार की वार्ता में सहमति नहीं बन पाने वाली कई अहम मांगों के संबंध में भी राय मांगी गई है। अभी तक मंत्रिमंडलीय समिति के साथ कई दौर की चर्चा के बाद विभिन्न संवर्गों के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कई बार उच्च स्तरीय वार्ता हो चुकी है।
असर चुनावी साल का
समझा जा रहा है कि चुनावी साल में कर्मचारियों को नाखुश नहीं करने की कयावद के तहत एक सोची-समझी रणनीति के तहत सामंत कमेटी की मियाद बढ़ाई गई है, ताकि सरकार तय मियाद में कर्मचारियों की मांगों के निदान के अपने वादे से बच सके।
उम्मीदों पर फिरा पानी
कर्मचारी संगठनों की कई मांगें सहमति नहीं बनने की स्थिति में सामंत कमेटी को भेज दी गई थी। समिति का कार्यकाल बढ़ जाने से साफ है कि समिति को मांगों के संबंध में रिपोर्ट देने में समय लगेगा। रिपोर्ट मिलने और उस पर संबंधित विभागों की राय के बाद सरकार के रुख स्पष्ट करने और रुख के अनुरूप आदेश जारी करने की प्रक्रिया पूरी होने तक विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाने की संभावना है। ऐसे में कर्मचारियों की मांगे चुनाव आचार संहिता में अटक जाने की आशंका है।
कर्मचारियों में असंतोष
सामंत कमेटी का बार-बार कार्यकाल बढ़ाने से कर्मचारी वर्ग में असंतोष बढ़ा है। पहले भी कर्मचारी संगठन समिति का कार्यकाल बढ़ाने का विरोध कर चुके हैं। ऐसे में इस बार कमेटी को विस्तार देने से खफा कर्मचारी संगठन आंदोलन की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। चुनाव में कर्मचारियों की अहम भूमिका के चलते हालांकि सरकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है, लेकिन कर्मचारियों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सरकार समर्थक कर्मचारी संगठन भी इस मुद्दे पर सरकार का खुला साथ देने की स्थिति में नहीं है।
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