जयपुर

पुलिस कंट्रोल रूम में वर्दी पसन्द श्वान का आतंक, बिना वर्दी पुलिसकर्मी भी आ जाएं तो कर देता है हमला

एक श्वान ऐसा है, जिससे खुद पुलिसकर्मी भी आतंकित हैं। वर्दीपसन्द यह श्वान पुलिस कंट्रोल रूम पर जमा रहता है।

जयपुरAug 21, 2017 / 11:10 am

Abhishek Pareek

मुकेश शर्मा/जयपुर। शहर में श्वानों के आतंक से यूं तो कई इलाकों के लोग परेशान हैं लेकिन एक श्वान ऐसा है, जिससे खुद पुलिसकर्मी भी आतंकित हैं। वर्दीपसन्द यह श्वान पुलिस कंट्रोल रूम पर जमा रहता है। पुलिसकर्मी वर्दी में आए तो ठीक, वरना हमला कर देता है। सादे कपड़े वालों को भीतर घुसने नहीं देता। आतंकित पुलिस ने नगर निगम से गुहार लगाई लेकिन निगम ने हाथ खड़े कर दिए हैं। यह श्वान प्राय: पुलिस कंट्रोल रूम के आसपास ही रहता है। जो पुलिसकर्मी वर्दी में कंट्रोल रूम आते-जाते हैं, उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। जैसे ही कोई साधारण वस्त्रों में घुसता दिखे, हमला कर देता है। भले ही वह पुलिसकर्मी हो। पुलिसकर्मियों का कहना था कि श्वान यादगार कन्ट्रोल रूम स्थित बैरक तक पहुंच जाता है। मुख्य द्वार पर निगरानी रखो तो पीछे के द्वार से आ जाता है। रात को भी आवागमन के दौरान उससे सचेत रहना पड़ता है। जो पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में आते हैं, उन्हीं पर झपट पड़ता है। नगर निगम में शिकायत की लेकिन पकड़कर ले जाने से इनकार कर दिया गया।
चार पुलिसकर्मियों को किया जख्मी
कांस्टेबल हनुमंत सिंह पर झपटा और हाथ पर काट लिया।
दो दिन पहले कांस्टेबल चालक संजय कुमार पर हमला कर दिया। सिपाहियों ने उसे बचाया।
इससे पहले भी दो पुलिसकर्मियों को जख्मी कर चुका है।
बेफिक्र निगम
100 से अधिक लोग हर माह पहुंचते हैं एसएमएस अस्पताल, श्वान के काटने से जख्मी होकर, इनमें बच्चों की संख्या अधिक
05 शिकायतें रोजाना मिलती हैं निगम को श्वानों के हमले की
01 साल से श्वानों का बघियाकरण भी बन्द कर रख है नगर निगम ने
60 हजार से अधिक श्वान हैं शहर में, मोटे अनुमान के मुताबिक
– शहर में श्वानों को पकड़ने का काम अभी बन्द है। पहले बघियाकरण के लिए पकड़ते थे और वापस वहीं छोड़ देते थे लेकिन सालभर से बघियाकरण के टेंडर की फाइल महापौर के पास लंबित है। ऐसे में इसके लिए भी श्वान नहीं पकड़े जा रहे। रेबीज से ग्रसित श्वानों को जरूर पकड़ा जा रहा है।
शिवभगवान गठाला, प्रभारी (स्वास्थ्य-पशु), नगर निगम।
ले चुके 3 बच्चों की जान
जामडोली में नगर निगम के मथुरादासपुरा कचरागाह में श्वानों ने 7 साल के छग्गूराम को घेरकर जगह-जगह नोंच डाला। आसपास से मजदूर दौड़े आए लेकिन तब तक छग्गूराम का दम निकल चुका था।
तारों की कूट दुर्गापुरा में घर के बाहर खड़े 6 साल के बिट्टू पर हमला कर श्वानों ने 100 से अधिक जगह नोंच डाला। बाद में एसएमएस अस्पताल में बिट्टू ने दम तोड़ दिया।
शास्त्रीनगर में भार्इ की तलाश में निकले 7 वर्षीय फिरोज को श्वानों ने घेरकर ऐसा नोंचा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

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