धारीवाल शून्यकाल में विधायक मदन दिलावर की ओर से इस संबंध में रखे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि नगर निगम कोटा क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से शिकायत प्राप्त होने पर वर्ष 2017-18 में 2135 एवं वर्ष 2018-19 में भी 1747 उत्पाती बंदरों को पकड़ कर जंगल में छुड़वाया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 30 दिसंबर, 2019 को एक निविदा जारी की गई लेकिन एकल फर्म की ओर से वांछित राशि जमा नहीं कराने के कारण निविदा निरस्त कर दी गई। 31 जनवरी, 2020 को पुनः जारी निविदा में 487 रुपए प्रति बंदर पकड़ने की दर है, जबकि पूर्व में 380 प्रति बंदर थी। इसे नेगोशियेट किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सूअरों को पकड़ने के लिए भी निविदा जारी की गई लेकिन कोई नहीं आया क्योंकि वाल्मीकि समाज के लोग सूअर पकड़ने का विरोध करते हैं। उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का कोटा एनिमल सोसायटी ने विरोध किया। धारीवाल ने कहा कि चाहे बंदरों को पकड़ने की बात हो या सूअर को या फिर श्वानों पकड़ने की, इसमें दिक्कत बहुत आती है क्योंकि उनको पालने वाले लोग भी झगड़ा करते हैं।