नागौर के कुचामन थाना इलाका स्थित गुलजारपुरा निवासी मोहम्मद हुसैन हवाला की आड़ में 1998 में आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था, जिसके चलते न केवल उसने खाड़ी देश में हवाला का धंधा जमा लिया, बल्कि आतंकियों के लिए राजस्थान से भी फंडिंग का सिलसिला शुरू कर दिया।
राजस्थान के कारोबारियों को किया जा रहा चिह्नित
हुसैन से पूछताछ के आधार पर एनआइए आतंकियों को फंडिंग करने वालों में राजस्थान के कारोबारियों को भी चिह्नित कर रही है। एनआइए अब मामा-भांजा की ओर से आंतकी संगठनों को अभी तक कितना धन मुहैया करवाया गया है, इसकी जानकारी जुटा रहा है।
हुसैन से पूछताछ के आधार पर एनआइए आतंकियों को फंडिंग करने वालों में राजस्थान के कारोबारियों को भी चिह्नित कर रही है। एनआइए अब मामा-भांजा की ओर से आंतकी संगठनों को अभी तक कितना धन मुहैया करवाया गया है, इसकी जानकारी जुटा रहा है।
पिछले तीन साल से लगातार गिरफ्तारी
टेरर फंडिंग के मामले में शेखावाटी क्षेत्र में गत तीन साल से लगातार गिरफ्तारी भी चर्चा का विषय बन गई है। सीकर से भी 2017 में टेरर फंडिंग मामले में जमील अहमद को गिरफ्तार किया था। जमील से मिली जानकारी के बाद प्रदेश की एटीएस ने चेन्नई से उसके साथी मोहम्मद इकबाल उर्फ ट्रैवल हक को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में दुबई, यूएसए, लेबनान, बोस्निया, यूएई और टर्की में हवाला से आतंकियों को करोड़ों रुपए भेजने की जानकारी सामने आई है।
टेरर फंडिंग के मामले में शेखावाटी क्षेत्र में गत तीन साल से लगातार गिरफ्तारी भी चर्चा का विषय बन गई है। सीकर से भी 2017 में टेरर फंडिंग मामले में जमील अहमद को गिरफ्तार किया था। जमील से मिली जानकारी के बाद प्रदेश की एटीएस ने चेन्नई से उसके साथी मोहम्मद इकबाल उर्फ ट्रैवल हक को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में दुबई, यूएसए, लेबनान, बोस्निया, यूएई और टर्की में हवाला से आतंकियों को करोड़ों रुपए भेजने की जानकारी सामने आई है।