उधर, पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में बिना एफआर दर्ज किए बिना पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। एक-एक दिन में कई बार आरोपियों को पकडऩे के लिए उनकी लोकेशन भी निकलवाई गई। लेकिन पुलिस की लापरवाही रही कि उन्होंने मामला सामने आने के बाद दर्ज नहीं किया। बल्कि बिना दर्ज ही उस मामले के आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम भी लगा दी।
जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ही पुलिस ने समय पर एफआइआर दर्ज क्यों नहीं की, इसका खुलासा होगा। हालांकि इस घटना ने अलवर ही नहीं, देश में राजस्थान को शर्मसार किया। उधर, संभागीय आयुक्त जयपुर संभाग केसी वर्मा की जांच रिपोर्ट अभी भी लंबित है। संभागीय आयुक्त वर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार होने में अभी कुछ समय और लगेगा। इसलिए तीन चार दिन का समय और मांगा है।
एक साथ हो सकती है सार्वजनिक उधर, सूत्र बताते हैं कि पुलिस के डीआइजी की तैयार की गई रिपोर्ट और संभागीय आयुक्त की रिपोर्ट को सरकार स्तर पर एक साथ सार्वजनिक किया जा सकता है। तभी लापरवाही बरतने वाले पुलिस वालों पर कार्रवाई की घोषणा की जा सकती है।