करौली से लेकर भरतपुर का सडक मार्ग पूरी तरह से बंद कर दिया गया। लोगों की आवजाही पर रोक लगा दी गई और पुलिस ने पूरे बयाना इलाके को घेर लिया जिससे आपात स्थिति से निपटा जा सके। उधर महापंचायत स्थल पर कर्नल किरोडी सिंह बैंसला के नारे लगने लगे तो पुलिस प्रशासन सतर्क हेा गया।
दोपहर ढाई बजे गर्जर आरक्षण आंदोलन के अनुआ कर्नल किरोडी सिंह बैंसला महापंचायत स्थल पर पहुंचे। जोर जोर से नारे लगले लगे और नारों की बीच बैंसला सरकार का प्रस्ताव पढने के लिए जैसे ही माइक पकडने लगे उसी दौरान पंचायत स्थल पर अंधेरा छा गया,आसमान की ओर देखा तो धूल का गुबार ही गुबार, पता चला कि अंधड आ गया और कुछ ही देर में पंचायत स्थल पर लगाया गया टेंट उखड कर कहीं दूर पहंच गया। महापंचायत स्थल पर जुटे गुर्जर समुदाय के लोग इधर उधर भागने लगे और अंधड से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने लगे। इसी दौरान कर्नल ने माइक से 23 मई को पीलू का पुरा में महापंचायत की घोषणा कर महापंचायत को खत्म कर दिया।