कृषि मंत्री ने कहा, अधिकारियों की परफॉर्मेंस पुअर
कृषि विभाग (Agriculture Department) में संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं में धीमी गति से हो रहे काम को देखते हुए कृषि और पशुपालन मंत्री (Animal husbandry minister) ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारियों की परफॉर्मेंस पुअर (Performance poor) है। उन्होने विभागीय अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि विभाग में अभी तक बजट का ७० फीसदी भी इस्तेमाल नहीं हुआ है, इससे पता चलता है कि विभागीय अधिकारी किस कदर लापरवाही से काम कर रहे हैं। वहीं विधानसभा सत्र में कृषि बजट को लेकर उनका कहना था कि इस बारे में मुख्यमंत्री से बात कर अलग से निर्णय लिया जाएगा। बैठक में कृषि विभाग (Agriculture Department) के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश, उद्यानिकी विभाग (Horticulture department) के निदेशक मेघराज सिंह रत्नू, राजस्थान कृषि प्रतिस्पद्र्धात्मक परियोजना के निदेशक अभिमन्यु कुमार राज्य बीज निगम के प्रबंध निदेशक जसवंत सिंह कृषि विभाग के संयुक्त शासन सचिव एसपी सिंह सहित संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे। वहीं बर्ड फ्लू को लेकर उनका कहना था कि अभी तक पोल्ट्री में कहीं भी बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। केवल कौओ, मोर और कबूतर की मौत के मामले सामने आए हैं। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि पशु विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के कम होते ही इसका असर भी कम हो जाएगा। वहीं किसान आंदोलन को लेकर उनका कहना था कि इतनी अड़ाअड़ी ठीक नहीं है। केंद्र सरकार को कोई ना कोई रास्ता निकालना चाहिए। किसान हमारा अन्नदाता है।
बैठक में दिए गए अन्य निर्देश
: राज्य के सभी रजिस्टर्ड जैविक किसानों को राज किसान जैविक एप से जोड़ा जाए।
: उपभोक्ता भंडार की दुकानों पर जैविक उत्पाद उपलब्ध कराने की संभावना तलाशी जाएं।
: कस्टम हायरिंग केन्द्रों पर मिलने वाले उपकरणों की उचित किराया दर निर्धारित कर डिस्पले किए जाएं,जो बाजार दर से कम हो।
: कुसुम योजना की समीक्षा करते हुए ऊर्जा विभाग से समन्वय कर किसानों के सोलर पंप कनेक्शन जारी करने के निर्देश : प्लास्टिक टनल एवं मल्च का लक्ष्य बढ़ाने और पैक हाउस की लागत कम करने के लिए विकल्प तलाशे जाएं।
: यूरिया एवं डीएपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बनाए रखने तथा विभागीय भर्ती प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करवाया जाए।
: सॉयल हैल्थ कार्ड, आदान गुण नियंत्रण, जैतून खेती,बजट घोषणाओं सहित अन्य विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाए।
: आवंटित बजट का पूरा उपयोग करते हुए शत प्रतिशत व्यय किया जाए जिससे अधिकाधिक किसानों को लाभ मिल सके।