जानकारी के अनुसार विजेन्द्र बैरवा का परिवार दिल्ली में काम करता है। अपने किसी रिश्तेदार के साथ विजेन्द्र का परिवार बाइक से गांव बिशनपुरा तहसील पीपल्दा जिला कोटा जा रहा था। झरेल के बालाजी की पुलिया पर पहुंचकर इन लोगों ने पानी पीने के लिए बाइक रोकी और पानी पीने लगे। इनके साथ विजेन्द्र बैरवा की 8 वर्ष व 3 वर्ष की बेटी भी साथ थी। 8 वर्षीय प्रिया बैरवा भी पानी पीने के लिए गई और पुलिया के किनारे से बोतल में पानी भरने के लिए झुकी। इतने में ही उसका संतुलन बिगड़ गया और वह चम्बल नदी में गिर गई। उस स्थान पर पड़ रही भंवर में फंस कर पुलिया के पाइपों में चली गई और तेज गति से पुलिया के दूसरी ओर निकलकर बह गई। बालिका काफी दूर तक बहती नजर आई लेकिन तेज बहाव के कारण परिजन भी कुछ नहीं कर पाए। बालिका को बहते देख उसकी मां बेहोश हो गई। वहीं पिता व अन्य रिश्तेदार मदद के लिए चिल्लाने लगे लेकिन ग्रामीण भी किसी प्रकार की मदद नहीं कर सके। कई ग्रामीण युवा भागकर नदी के आगे के छोर तक पहुंचे लेकिन बालिका का नदी में कोई सुराग नहीं लग पाया। इस दौरान झरेल की पुलिया व चम्बल के किनारों पर ग्रामीणों का जमावड़ा सा लग गया।
बालिका के चम्बल में बहने की सूचना पर खण्डार एसडीएम रतन लाल अटल, खण्डार एएसआई करतार सिंह व बहरावण्डा खुर्द चौकी से जवान जीतराम चौधरी, शेरसिंह व मनोज मौक पर पहुंचे और सर्च अभियान के लिए रेस्क्यू टीम को बुलवाया। रेस्क्यू टीम के वसीम, कुलदीप सिंह आदि ने चम्बल में बालिका की तलाश की, लेकिन देर शाम तक बालिका का पता नहीं लग पाया। रेस्क्यू टीम बुलवाकर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक बालिका का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।