सुप्रीम कोर्ट सक्रिय
जम्मू कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी दिशा—निर्देश जारी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि इंटरनेट लोगों के मौलिक अधिकारों का ही हिस्सा है। इंटरनेट बंद करने से पहले सरकार को पब्लिक डोमेन में इसकी वजह बतानी चाहिए। आपको बता दें कि देश में जम्मू—कश्मीर के बाद राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां पिछले पांच साल में 68 बार मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई। गंभीर यह है कि इस ग्राफ में हर साल औसतन 40 फीसदी बढ़ोतरी हो रही है। रैली, धरने, प्रतियोगी परीक्षा व अन्य छोटे—मोटे कारणों से भी इंटरनेट सेवा बंद की जाती रही है।
जम्मू कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी दिशा—निर्देश जारी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि इंटरनेट लोगों के मौलिक अधिकारों का ही हिस्सा है। इंटरनेट बंद करने से पहले सरकार को पब्लिक डोमेन में इसकी वजह बतानी चाहिए। आपको बता दें कि देश में जम्मू—कश्मीर के बाद राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां पिछले पांच साल में 68 बार मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई। गंभीर यह है कि इस ग्राफ में हर साल औसतन 40 फीसदी बढ़ोतरी हो रही है। रैली, धरने, प्रतियोगी परीक्षा व अन्य छोटे—मोटे कारणों से भी इंटरनेट सेवा बंद की जाती रही है।
यह हे हालात..
-इंटरनेट पाबंदी ने टेलीकॉम कंपनियों की कमाई में लगाई सेंध
-180 बार बंद किया गया इंटरनेट जम्मू कश्मीर में
-राजस्थान में 68 बार इंटरनेट पर पाबंद लगाई गई
-लोगों के इंटरनेट से जुड़े काम हो रहे प्रभावित
-सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सक्रिय हुए नौकरशाह
-इंटरनेट पाबंदी ने टेलीकॉम कंपनियों की कमाई में लगाई सेंध
-180 बार बंद किया गया इंटरनेट जम्मू कश्मीर में
-राजस्थान में 68 बार इंटरनेट पर पाबंद लगाई गई
-लोगों के इंटरनेट से जुड़े काम हो रहे प्रभावित
-सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सक्रिय हुए नौकरशाह
ठप हो रहे ये काम..
इंटरनेट आमजन की दिनचर्चा की जरूरत बन चुका है। डेबिट-क्रेडिट कार्ड भुगतान प्रक्रिया, ई-वॉलेट ट्रांजेक्शन, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन टैक्सी सर्विस, ऑनलाइन होम डिलवरी, ऑनलाइन फूड ऑर्डर, पानी-बिजली के बिल जमा कनाने से लेकर आॅनलाइन बुकिंग तक में इंटरनेट का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके बंद होने से सोशल साइट्स के माध्यम से दुनियाभर से जुड़े रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इंटरनेट आमजन की दिनचर्चा की जरूरत बन चुका है। डेबिट-क्रेडिट कार्ड भुगतान प्रक्रिया, ई-वॉलेट ट्रांजेक्शन, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन टैक्सी सर्विस, ऑनलाइन होम डिलवरी, ऑनलाइन फूड ऑर्डर, पानी-बिजली के बिल जमा कनाने से लेकर आॅनलाइन बुकिंग तक में इंटरनेट का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके बंद होने से सोशल साइट्स के माध्यम से दुनियाभर से जुड़े रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।