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श्रीगंगानगर से बाड़मेर तक अब और दर्शनीय बनी सरहद

locationजयपुरPublished: Oct 16, 2020 12:33:19 am

Submitted by:

vinod vinod saini

ऐतिहासिक स्मारक (historical monument) से अछूते बीकानेर जिले में सांजू पोस्ट (Sanju Post) पर अब सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) का संग्रहालय ‘सीमा दर्शन’ बनने के साथ ही श्रीगंगानगर से बाड़मेर तक की सरहद (Border) और अधिक दर्शनीय हो गई है। इसके साथ ही राज्य में बॉर्डर टूरिज्म सर्किट (Border tourism circuit) बनने की संभावना बन गई है।

श्रीगंगानगर से बाड़मेर तक अब और दर्शनीय बनी सरहद

श्रीगंगानगर से बाड़मेर तक अब और दर्शनीय बनी सरहद

जोधपुर। ऐतिहासिक स्मारक (historical monument) से अछूते बीकानेर जिले में सांजू पोस्ट (Sanju Post) पर अब सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) का संग्रहालय ‘सीमा दर्शन’ बनने के साथ ही श्रीगंगानगर से बाड़मेर तक की सरहद (Border) और अधिक दर्शनीय हो गई है। इसके साथ ही राज्य में बॉर्डर टूरिज्म सर्किट (Border tourism circuit) बनने की संभावना बन गई है। यह सर्किट अपने आप में अनूठा होगा, क्योंकि इसमें सीमा से लगते चारों ही जिलों में देशभक्ति का जज्बा जगाने वाले तथा भारत एवं पाक के मध्य 1965 और 1971 में हुए युद्धों से जुड़े स्थल हैं। इन सभी स्थलों का गौरवमयी अतीत रहा है, जो यहां आने वाले पर्यटकों एवं युवा पीढ़ी के लिए प्रेरक का काम करेगा।
श्रीगंगानगर- नग्गी पोस्ट
भारत-पाक के बीच 1971 का युद्ध समाप्त होने के दस दिन बाद पाकिस्तानी सेना भारतीय सीमा में घुसी और श्रीकरणपुर क्षेत्र गांव 36 एच (नग्गी) के निकट एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया। पता चलने पर भारतीय सेना की चार पैरा बटालियन ने 28 दिसंबर की सुबह चार बजे हमला बोला और दो घंटे की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना को घर का रास्ता दिखा दिया। यह लड़ाई भारतीय सेना के इतिहास में ‘सैंड ड्यून’ के नाम से दर्ज है। सैंड ड्यून में भारतीय सेना के तीन अधिकारी व 18 जवान शहीद हुए। इस शहादत के उपलक्ष्य में यहां स्मारक बनाया गया। प्रतिवर्ष 28 दिसंबर को यहां मेला लगता है। इसमें शहीद सैनिकों के परिजन, सेना के अधिकारी व आसपास के लोग शामिल होते हैं।
बीकानेर-सांजू पोस्ट

भारत-पाक के बीच 1965 में हुए युद्ध पाकिस्तानी सेना एवं रेंजर्स ने सांजू पोस्ट पर कब्जा कर लिया था। जवाबी कार्रवाई में 3 आरएसी 13 ग्रेनेडियर्स ने मिलकर दुश्मन को वापस खदेड़ दिया। इस जीत की खुशी में 3 आरएसी, जो कि वर्तमान में 12वीं बटालियन सीमा सुरक्षा बल है, 30 अक्टूबर को विजय दिवस के रूप में मनाती है। इसको सांजू दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इसी दिन सांजू चौकी की स्थापना हुई थी। इसी तरह 1971 में सीमा सुरक्षा बल की 12वीं बटालियन ने पाकिस्तान पोस्ट रानिहल पर हमला कर के कब्जे में ले लिया था। इन विजयों के उपलक्ष्य में सांजू सीमा चौकी पर संग्रहालय ‘सीमा दर्शन’ बनाया गया है, इसका संग्रहालय का लोकार्पण हाल ही में 13 अक्टूबर को हुआ। यह अभी निर्माणाधीन है।

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